क्या बीजेपी पाकिस्तान में हवाई हमले का चुनावी फ़ायदा उठा रही है इस सवाल का जवाब यदि आप पाकिस्तान से तनाव के बीच ही प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और बीजेपी के दूसरे नेताओं की ‘चुनावी रैलियों और अभियानों’ से नहीं समझ पा रहे हैं तो बीजेपी के ही नेता बीएस येदियुरप्पा का साफ़-साफ़ बयान पढ़िये। येदियुरप्पा का मानना है कि पाकिस्तान में आतंकी कैंपों पर भारत के हमले से प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में लहर बनी है और इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव में फ़ायदा होगा। येदियुरप्पा ने कहा, ‘इसने (हवाई हमले ने) नौजवानों में जोश भर दिया है। इससे हमें लोकसभा की 22 से ज़्यादा सीटें (कर्नाटक में) जीतने में मदद मिलेगी।’ बीजेपी नेता के इस बयान के बाद विपक्षी दलों के इस आरोप को बल मिलता है कि बीजेपी सैनिकों की शहादत को राजनीतिक फ़ायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है।
चित्रदुर्ग में बुधवार को येदियुरप्पा ने कहा, ‘दिनों-दिन बीजेपी के पक्ष में माहौल बनता जा रहा है। पाकिस्तान के भीतर घुस कर आतंकी कैंपों को बर्बाद करने के कदम से देश में मोदी के समर्थन में लहर बनी है और इसका नतीजा आगामी लोकसभा चुनाव में नज़र आ सकता है।’ बीजेपी नेता के इस बयान पर प्रतिक्रियाएँ भी आयी हैं। कांग्रेस ने इसे शर्मनाक और ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान बताया है।
'वोटों के लिए बीजेपी की योजना'
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तो साफ़ कहा है कि यह वोटों के लिए बीजेपी की योजना है। उन्होंने कहा कि मैं शहीद वीरों के शवों के साथ येदियुरप्पा के चुनावी लाभ के राजनीतिक लालची सपने के बयान की निंदा करता हूँ। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों के आँसू अभी थमे भी नहीं हैं और सीटों की गणना होने लगी है, यह शर्मनाक है।
सिद्धारमैया ने कहा, 'वोटों के लिए बीजेपी की योजना को जानकर हैरान हूँ। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीजेपी विवाद थमने के पहले ही चुनावी लाभ की गिनती कर रही है। कोई भी देशभक्त सैनिकों की शहादत पर इस तरह के लाभ को प्राप्त करने की बात नहीं कर सकता, यह केवल एक देशद्रोही ही कर सकता है। आरएसएस इस बारे में क्या कहेगा'
'संकट का राजनीतिकरण'
बुधवार को ही लंबी बैठक के बाद 21 विपक्षी दलों ने साझा बयान जारी कर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी पर भारत-पाकिस्तान तनाव के राजनीतिकरण का आरोप लगाया था। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बीजेपी इस संकट का राजनीतिक फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रही है, जो बिल्कुल ग़लत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई और विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया।
बता दें कि मंगलवार अल सुबह ही भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने 1971 के बाद पहली बार नियंत्रण रेखा पार कर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी शिविरों पर बम बरसाये थे। इसी आतंकी संगठन ने 14 फ़रवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हमला किया था जिसमें कम से कम 40 सैनिक शहीद हो गये थे। इसके बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।