रामपुर में बीजेपी के उम्मीदवार को जीता हुआ घोषित कर दें: आजम
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने कहा है कि वह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से आग्रह करेंगे कि वह चुनाव आयोग से यह निवेदन करें कि रामपुर में बीजेपी के उम्मीदवार को जीता हुआ घोषित कर दिया जाए। आजम खान ने कहा कि रामपुर में चुनाव की क्या जरूरत है।
उत्तर प्रदेश में रामपुर के साथ ही मैनपुरी लोकसभा सीट और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है। इन सभी सीटों पर 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे। इन उपचुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल गर्म है।
आजम खान ने रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कहा कि रामपुर में चुनाव नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज ही पुलिस ने 50 घरों के दरवाजे तोड़े हैं, सड़कों से बेगुनाह लोगों को उठाकर ले गए हैं और उनकी पत्नी और इस शहर की पूर्व सांसद और पूर्व विधायक को भी नहीं बख्शा गया।
आजम खान ने कहा कि यह चेतावनी दी गई है कि हम लोग घरों में रहें और बाहर ना निकलें। उनके पास इसकी रिकॉर्डिंग है जिसमें लोगों से कहा गया है कि अगर समाजवादी पार्टी को वोट दिया तो घर खाली करा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस गलियों में फ्लैग मार्च कर रही है।
बताना होगा कि साल 1977 के बाद यह पहला मौका है जब आज़म खान या उनके परिवार का कोई सदस्य इस सीट से चुनाव मैदान में नहीं उतरा है।
आजम खान ने कहा कि महिलाओं के साथ अभद्रता और शर्मनाक बर्ताव किया गया है। कुछ महीने पहले रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम राजा को हरा दिया था। इस बार भी समाजवादी पार्टी ने आसिम राजा को ही चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी ने यहां से आकाश सक्सेना को टिकट दिया है। कांग्रेस और बीएसपी ने इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।
रामपुर विधानसभा सीट को उत्तर प्रदेश में मोहम्मद आज़म खान के सियासी कद की वजह से जाना जाता है। आज़म खान 10 बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। बताना होगा कि हेट स्पीच के मामले में आज़म खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी और सीट खाली होने की वजह से यहां उपचुनाव कराना पड़ा है।
कमल खिलाने की कोशिश
बताना होगा कि बीजेपी ने रामपुर की सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के अलावा योगी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना सहित कई और मंत्री बीजेपी संगठन के पदाधिकारी रामपुर में कमल खिलाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और रामपुर सीट से सांसद रहे मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि इस बार रामपुर में कमल जरूर खिलेगा। योगी सरकार में मंत्री दानिश अंसारी भी यहां बीजेपी के लिए मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन जुटाने का काम कर रहे हैं।
जबकि सपा का पूरा दारोमदार सिर्फ आज़म खान पर ही है।
जीतते रहे आज़म खान
आज़म खान इस सीट से 1977 में चुनाव हारे थे। लेकिन 1980 से 1993 के बीच लगातार पांच बार विधानसभा का चुनाव जीते थे। 1996 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के अफरोज़ अली खान से हार मिली थी। इसके बाद आज़म खान को राज्यसभा भेजा गया था। लेकिन साल 2002 से 2022 तक हुए विधानसभा चुनाव में (2019 को छोड़कर) आज़म खान को लगातार जीत मिलती रही थी। 2019 में आज़म खान के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद उनकी पत्नी तंजीन फातिमा यहां से विधायक चुनी गई थीं। 2022 का विधानसभा चुनाव आज़म खान ने जेल में रहते हुए ही जीता था।
आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म इसी जिले की स्वार टांडा सीट से विधायक हैं। आज़म की पत्नी तंजीन फातिमा भी रामपुर सीट से सपा के टिकट पर विधायक रह चुकी हैं।
निश्चित रूप से रामपुर विधानसभा का उपचुनाव इस बार बीजेपी और सपा के बीच जबरदस्त चुनावी जंग का मैदान बन चुका है। इस सीट पर कुल 3,88,994 मतदाता हैं। इसमें से लगभग 50 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं।