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अयोध्या गैंगरेपः बुलडोजर एक्शन के बाद राजनीति गरम, सपा ने कहा- डीएनए जांच हो

अयोध्या गैंगरेपः बुलडोजर एक्शन के बाद राजनीति गरम, सपा ने कहा- डीएनए जांच हो

अयोध्या गैंगरेप की घटना पर राजनीति तेज होती जा रही है। जिला प्रशासन ने शनिवार 3 अगस्त को मुख्य आरोपी सपा नेता की बेकरी बुलडोजर से गिरा दी। अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना में डीएनए जांच की मांग की है, ताकि सच सामने आ सके। इस केस में सपा नेता का नाम आने के बाद भाजपा ने इसे मुद्दा बना दिया है। जानिए पूरा घटनाक्रमः 

अयोध्या के बूते भाजपा की राजनीति चमकी। लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण भी हो गया। भाजपा ने खुद को अजेय समझा लेकिन 2024 में आम चुनाव के नतीजे सामने आये तो फैजाबाद (अयोध्या) सीट से भाजपा हार चुकी थी। उसी अयोध्या जिले में हाल ही में एक किशोरी से गैंगरेप की घटना हुई तो उसमें सपा नेता का नाम आ गया। पुलिस ने उस सपा नेता और उसके साथी को 30 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन शुक्रवार को इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एंट्री हुई और उसके बाद जिला प्रशासन ने सपा नेता की बेकरी को अवैध बताते हुए सील किया और शनिवार को उसे पूरी तरह गिरा दिया। इस मामले में सपा की बदनामी तो हो ही रही है लेकिन सपा सांसद अवधेश प्रसाद के साथ मुख्य आरोपी का फोटो सामने आने के बाद मामले ने अलग रुख ले लिया है। सपा ने अब इस मामले में सच का पता लगाने के लिए डीएनए जांच की मांग की है।

भाजपा ने दिया राजनीतिक रंग

राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल उस नाबालिग लड़की के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए अयोध्या जाएगा, जिसके साथ सपा नेता मोईद खान सहित दो लोगों पर गैंगरेप का आरोप है। बीजेपी नेता बाबूराम निषाद ने कहा- ''पार्टी ने मुझे और यूपी सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप को (घटना की जांच के लिए) अयोध्या जाने का निर्देश दिया है...यह बहुत दुखद और शर्मनाक घटना है...इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसी घटना करने वाले सभी लोगों को सबक मिलना चाहिए...।'' यह सारा मामला तभी हुआ जब मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को पीड़ित परिवार से लखनऊ में मुलाकात की। मुलाकात के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया।

सांसद अवधेश प्रसाद ने क्या कहा

फैजाबाद (अयोध्या) सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, "...यह घटना बहुत ही दर्दनाक और शर्मनाक है... इस घटना से संबंधित जो भी लोग हैं उनकी जांच की जाए। सच का पता किया जाए और जो भी दोषी हों कानून के हवाले रख कर सख्ती के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए...। पुलिस को भी बिना किसी दबाव के कार्रवाई करनी चाहिए। पीड़िता के साथ समाजवादी पार्टी खड़ी है...। अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि भाजपा इस पर राजनीति कर रही है। मेरा ऐसे लोगों से निवेदन है कि यह राजनीति का क्षण नहीं है, यह संवेदना का क्षण है... जो भी दोषी है उस पर कार्रवाई हो...।" 

अवधेश प्रसाद ने यह भी कहा- मैने अपने पूरे राजनैतिक जीवन में जिसका जरा भी अपराध से नाता रहा है उन्हें अपने पास रहने नहीं दिया। मेरे पास हजारों लोग फोटो खिंचाने आते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है की जिसकी मेरे साथ तस्वीर है उसको मैं जानता हूं।

अखिलेश का हमला

इस मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बयान दिया है। अखिलेश ने कहा- कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका DNA TEST कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए। लेकिन अगर DNA TEST के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की माँग है।

इस मामले में 30 जुलाई को बेकरी मालिक मोइद खान और उसके कर्मचारी राजू खान को पूराकलंदर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों ने दो महीने पहले किशोरी के साथ रेप किया था और इस कृत्य को रिकॉर्ड भी किया था। यह घटना तब सामने आई जब हाल ही में मेडिकल जांच से पता चला कि किशोरी गर्भवती है। मोइद खान सपा का नेता बताया जाता है।

गुरुवार को राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि मोइद खान समाजवादी पार्टी से है। उन्होंने कहा, "मोइद खान समाजवादी पार्टी से हैं और अयोध्या सांसद की टीम का सदस्य है। उसे 12 साल की बच्ची से बलात्कार के मामले में शामिल पाया गया है। समाजवादी पार्टी ने उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।" सीएम के बयान के बाद ही मामले ने राजनीतिक रंग लिया।

एक और एफआईआर 

पुलिस ने इस मामले में एक नई एफआईआर दर्ज की है। कोतवाली नगर क्षेत्र में दर्ज मामले में सपा नेता और नगर पंचायत भदरसा के अध्यक्ष मोहम्मद राशिद, सपा नेता जय सिंह राणा और एक अन्य व्यक्ति पर पीड़ित परिवार को मामला निपटाने के लिए धमकी देने का आरोप है। यानी इस मामले में राजनीतिक लोगों को अलग से लपेटा गया है। गैंगरेप की एफआईआर इससे अलग है।

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि रात 11:00 बजे, आरोपी जय सिंह राणा एक अज्ञात व्यक्ति के साथ जिला महिला अस्पताल गए, जहां पीड़िता को भर्ती कराया गया था, और समझौते के लिए सहमत नहीं होने पर उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। वहीं, एक अन्य आरोपी मोहम्मद राशिद ने पहले पीड़ित परिवार पर मामले में समझौता करने का दबाव बनाया था। यह एफआईआर ''पुराकलंदर थाने के पिपरी भरतकुंड निवासी रामसेवक दास ने दर्ज कराई है।''

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