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टीएमसी नेताओं पर ‘तालिबानी स्टाइल’ में हमला करें कार्यकर्ता: बीजेपी विधायक 

टीएमसी नेताओं पर ‘तालिबानी स्टाइल’ में हमला करें कार्यकर्ता: बीजेपी विधायक 

त्रिपुरा में चुनावी सर्वे कर रही चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम को हाल ही में हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। इससे साफ है कि बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं का अगला रण क्षेत्र त्रिपुरा ही होगा। 

तालिबान ने जिस तरह दुनिया के ताक़तवर देश अमेरिका को हरा दिया है, उससे शायद भारत में बीजेपी के नेता ख़ासे प्रभावित हैं। और शायद इसीलिए त्रिपुरा में बीजेपी के विधायक अरूण चंद्र भौमिक ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे टीएमसी के नेताओं पर तालिबानी स्टाइल में हमला करें। 

भौमिक के बयान पर मीडिया व आम लोगों के बीच चर्चा होते ही बीजेपी ने इससे किनारा कर लिया और कहा कि यह विधायक का बयान है न कि बीजेपी का। 

ममता की है नज़र 

पश्चिम बंगाल के सियासी किले को महफ़ूज रखने में कामयाब रहीं ममता बनर्जी टीएमसी के सियासी विस्तार के काम में जुटी हैं। बंगाल से बाहर जिस राज्य पर उनकी सबसे पहले नज़र है, वह त्रिपुरा है। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी पर त्रिपुरा के दौरे के दौरान हाल ही में हमला भी हो चुका है। 

त्रिपुरा में चुनावी सर्वे कर रही चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम को हाल ही में हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। इससे साफ है कि बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं का अगला रण क्षेत्र त्रिपुरा ही होगा। 

बहरहाल, बीजेपी के विधायक अरूण चंद्र भौमिक ने एक कार्यक्रम में कहा, “पश्चिम बंगाल के टीएमसी नेता ममता बनर्जी की शह पर त्रिपुरा में बिप्लब देब के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।” 

उन्होंने आगे कहा, “मैं आप सभी से अपील करता हूं कि अगर वे एयरपोर्ट पर उतरते हैं तो उन पर तालिबानी स्टाइल में हमला करें। हमें अपने ख़ून की हर एक बूंद से अपनी सरकार को बचाना होगा।”

 - Satya Hindi

विधायक ने दी सफाई 

बीजेपी विधायक भौमिक ने पीटीआई से कहा कि उन्होंने तालिबानी शब्द का इस्तेमाल इस बात को बेहतर ढंग से रखने के लिए किया था कि जिस तरह टीएमसी के नेता बीजेपी की त्रिपुरा सरकार को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, उसका मज़बूत ढंग से जवाब देने की ज़रूरत है। त्रिपुरा में टीएमसी के नेता सुबल भौमिक ने कहा है कि बीजेपी विधायक को गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। 

त्रिपुरा बीजेपी के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। बीजेपी के कुछ विधायक नाराज़ हैं और इन पर टीएमसी की पैनी नज़र है। मुख्यमंत्री बिप्लब देव से नाराज़ पार्टी के कुछ विधायक कई बार बीजेपी हाईकमान तक अपनी नाराज़गी पहुंचा चुके हैं। लेकिन हाईकमान मज़बूती से देब के साथ खड़ा है। 

मकुल राय को जिम्मा 

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद टीएमसी अब 2023 के मार्च में होने वाले त्रिपुरा के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करना चाहती है। पश्चिम बंगाल की ही तरह त्रिपुरा में भी बीजेपी के असंतुष्टों को टीएमसी में लाने का काम मुकुल राय को सौंपा गया है। मुकुल राय पहले भी पूर्वोत्तर में टीएमसी की जड़ें जमाने का काम कर चुके हैं। 

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