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आतिशी ने दिल्ली का सीएम पद संभाला, केजरीवाल के लिए छोड़ी खाली कुर्सी

आतिशी ने दिल्ली का सीएम पद संभाला, केजरीवाल के लिए छोड़ी खाली कुर्सी

आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की आठवीं और तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनसे पहले कांग्रेस की शीला दीक्षित और भाजपा की सुषमा स्वराज थीं। 

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल लिया, लेकिन अपने एक फ़ैसले के लिए लोगों के निशाने पर आ गईं। आतिशी ने सीएम का कार्यभार संभाला, तो अपने बगल में अपने पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल के लिए कुर्सी खाली रखी। 

पदभार ग्रहण करते हुए आतिशी ने कहा, 'आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सँभाली है। आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन सँभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊँ रख कर अयोध्या का शासन सम्भाला, वैसे ही मैं 4 महीने दिल्ली की सरकार चलाऊँगी…।' इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने भी ट्वीट किया है।

बगल में केजरीवाल के लिए कुर्सी खाली रखना उनके प्रति उनकी निष्ठा की एक बेबाक घोषणा और इशारा थी। आतिशी ने खुद की तुलना महाकाव्य रामायण के भरत से की, जिन्होंने भगवान राम की अनुपस्थिति में उनकी पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर शासन किया था।

आतिशी ने दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, ऐसा करने वाली वह सबसे कम उम्र की नेता बन गईं। अपना पद संभालते हुए उन्होंने कहा कि वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगी, जैसे 'रामायण में भरत ने राम के लिए किया था'। अपने बगल में रखी एक खाली कुर्सी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'यह मुख्यमंत्री की सीट है और यह तब तक खाली रहेगी जब तक केजरीवाल फिर से मुख्यमंत्री नहीं बन जाते।' 

भाजपा ने इस कदम की निंदा करते हुए केजरीवाल से पूछा कि क्या वह रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाएंगे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी के उस कदम की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल के लिए आरक्षित कुर्सी अपने बगल में रख दी। सचदेवा ने इस कदम को संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन और मुख्यमंत्री कार्यालय का अपमान बताया। सचदेवा ने एक बयान में कहा, 'मुख्यमंत्री की मेज पर दो कुर्सियाँ रखना संविधान, नियमों और मुख्यमंत्री के पद का अनादर है। यह आदर्शवाद का कार्य नहीं है, जैसा कि आतिशी दावा करती हैं, बल्कि स्पष्ट शब्दों में सरासर चाटुकारिता है।'

आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की आठवीं और तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनसे पहले कांग्रेस की शीला दीक्षित और भाजपा की सुषमा स्वराज थीं। 43 साल की आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाली अब तक की सबसे कम उम्र की व्यक्ति हैं। वह वर्तमान में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के साथ देश की दूसरी महिला मुख्यमंत्री भी हैं। उनकी सरकार का कार्यकाल संक्षिप्त होगा क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने हैं।

आतिशी के साथ पांच कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें से चार पिछली सरकार के हैं और एक नया चेहरा है। आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद अगले मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम प्रस्तावित किया गया था। केजरीवाल सरकार में आतिशी ने शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और पीडब्ल्यूडी सहित 13 विभागों को अपने पास बरकरार रखा है। 

आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने सोमवार को दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री का पदभार संभाल लिया। पदभार संभालने के बाद उन्होंने एएनआई से कहा कि उनका मुख्य कर्तव्य पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में किए गए कामों को आगे बढ़ाना है। राय ने कहा, 'मेरा मुख्य कर्तव्य अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में किए गए कामों को आगे बढ़ाना है। पर्यावरण मंत्री होने के नाते सर्दियों में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन हम पहले से ही विंटर एक्शन प्लान पर काम कर रहे हैं और हमने विशेषज्ञों, संबंधित विभागों के साथ चर्चा करके योजना तैयार की है।'

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