अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग की गई है। याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी की ओर से दाखिल की गई है। हालांकि अदालत में अभी उनकी याचिका को मंजूरी नहीं मिली है। दूसरी याचिका रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ओर दायर की गई है। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। इस बीच यूपी सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार कर रही है। योगी के पास अभी जेड प्लस सुरक्षा है लेकिन इसके अलावा कम से कम दो लेयर की सुरक्षा अभी और बढ़ेगी। योगी के आवास पर आज 17 अप्रैल को सुरक्षा को लेकर बैठक हो रही है। फिलहाल योगी के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित है। अब उन्हें कर्नाटक जाकर भाजपा की कई रैलियों को संबोधित करना है। उनकी सुरक्षा बढ़ाने पर उसी के मद्देनजर विचार हो रहा है। सरकार इलाहाबाद के हालात पर बराबर नजर रखे हुए है। वहां इंटरनेट अभी भी बैन है।
हालांकि योगी की सुरक्षा की समीक्षा लगभग हर महीने होती है। लेकिन अतीक और अशरफ के मर्डर के बाद योगी सुरक्षा की समीक्षा फिर से की गई है। भाजपा ने कर्नाटक चुनाव में योगी को स्टार प्रचारक घोषित किया है। इसके अलावा कई अन्य राज्यों में इस साल चुनाव हैं। उन सभी राज्यों में योगी की मांग आ चुकी है। इन्हीं सब के मद्देनजर मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर फिर से विचार हो रहा है।
शनिवार को अतीक के कत्ल के बाद योगी के आवास पर आला अफसरों की रोजाना बैठक हो रही है। उस बैठक में लिए जा रहे फैसलों की बहुत ज्यादा जानकारी बाहर नहीं आ पाती है। अभी तक सबसे बड़ी सूचना इस मामले की न्यायिक जांच की आई थी। लेकिन आज लिए गए फैसलों में यह भी तय पाया गया है कि इलाहाबाद में इंटरनेट पर पाबंदी अभी कुछ दिन जारी रहे।
याचिका में और क्या कहा गया है अधिवक्ता विशाल तिवारी की याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच की भी मांग की गई है। इसमें इंडियन एक्सप्रेस की उस रिपोर्ट का भी हवाला है, जिसमें हाल ही में 183 एनकाउंटरों का जिक्र किया गया था।
अतीक अहमद (60) और अशरफ, जो हथकड़ी में थे, को पत्रकारों की आड़ में तीन लोगों ने उस समय गोली मार दी थी जब वे 15 अप्रैल की रात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए ले जाए गए थे। वहां मीडिया उस समय अतीक से सवाल कर रहा था।
गोली मारने के कुछ घंटे पहले, अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार किया गया था, जो 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस मुठभेड़ में अपने एक साथी के साथ मारा गया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के छह वर्षों में 183 कथित अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है और इसमें असद और उनके साथी भी शामिल हैं।
याचिका में अतीक और अशरफ की हत्याओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की गई है। याचिका में कहा गया - 2017 के बाद से हुई 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन करके कानून के शासन की रक्षा के लिए दिशानिर्देश / निर्देश जारी करें।
अतीक की हत्या का जिक्र करते हुए, याचिका में कहा गया है कि पुलिस द्वारा इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए एक गंभीर खतरा है और ये पुलिस राज की ओर ले जाती है।