राहुल गांधी ने असम में चल रही अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान बुधवार को ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल पर जमकर हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि भाजपा अकेले नहीं लड़ती है। भाजपा के सबसे बड़े पार्टनर अजमल हैं। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। सिक्के का एक पहलू मोदी, अमित शाह और आपके सीएम हैं। सिक्के का दूसरा पहलू अजमल हैं। असम के सीएम जो भी कहते हैं, वह अजमल करते हैं।
असम में कांग्रेस पार्टी सिर्फ भाजपा से ही नहीं, उसकी बी टीम अजमल के खिलाफ भी लड़ रही है। असम के मुख्यमंत्री और भाजपा ने यहां जो नफरत की गंध फैला रखी है, हम उसे श्री श्री शंकरदेव जी के रास्ते पर चलकर मोहब्बत से मिटाएंगे।
भाजपा ने हमारी यात्रा के दौरान हिंसा की, लेकिन हम हिंसा नहीं करेंगे। हिंसा को हिंसा से नहीं काटा जा सकता है, हिंसा को सिर्फ मोहब्बत से काटा जा सकता है। असम मोहब्बत और भाईचारा का प्रदेश है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री असम में है, वो 24 घंटे नफरत फैलाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि, असम के मुख्यमंत्री कहते हैं कि पिछड़े और दलित वर्ग के लोग सामान्य वर्ग के लोगों की सेवा करने के लिए पैदा हुए हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि, वे एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाते हैं और फिर जनता का ध्यान भटकाकर आपका पूरा धन आपसे छीन लेते हैं। हमारी यात्रा को रोक रहे हैं, हम पर केस कर रहे हैं, लेकिन उन्हें ये समझ नहीं आया कि हम किसी से नहीं डरते।
उन्होंने कहा कि, भारत जोड़ो में हमने इस बार 'न्याय' शब्द जोड़ दिया है। नफरत और हिंसा तभी होती है, जब देश में अन्याय होता है। जब देश, परिवार और शहर में न्याय होता है, तो नफरत और हिंसा वहां नहीं दिखाई देती है। हम मणिपुर से महाराष्ट्र तक 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कर रहे हैं।
इस यात्रा के दौरान हमारे साथ लाखों लोग सड़कों पर आए और कहा कि हम नफरत के खिलाफ हैं। ये नफरत और हिंसा का देश नहीं है। ये भाईचारे और अहिंसा का देश है। हम सब 'नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलना चाहते हैं'।
बीते साल हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' की। इस यात्रा का लक्ष्य भारत को जोड़ने का था। बीजेपी-आरएसएस ने देश में जो हिंसा, नफरत और डर फैला रखा है, उसे मिटाने का था।
जब हम कश्मीर पहुंचे तो लोगों में ये सदेश गया कि' एक तरफ नफरत और हिंसा है, दूसरी तरफ मोहब्बत और भाईचारा है। 'भारत जोड़ो यात्रा' का एक नारा पूरे देश में गूंजा- "नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है"।
कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं अजमल
बदरुद्दीन अजमल असम की एक प्रमुख राजनैतिक हस्ती हैं। उनकी पार्टी का नाम ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) है। बदरुद्दीन अजमल असम में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।एआईयूडीएफ का प्रमुख जनाधार मुस्लिम मतदाताओं के बीच है। इसने असम के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगा कर कांग्रेस को कमजोर किया है। असम में मुस्लिम वोट बैंक के छिटकने के कारण कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा था।
यही कारण है कि राहुल गांधी असम में भाजपा के साथ ही बदरुद्दीन अजमल की पार्टी पर भी हमलावर हैं। वह आरोप लगा रहे हैं कि अजमल भाजपा से मिले हुए हैं। अजमल को भाजपा से जोड़ कर वह मुस्लिम मतदाताओं को संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस ही उनकी हितैषी है। कांग्रेस को लगता है कि बदरुद्दीन अजमल को असम के मुस्लिम मतदाता नकार देते हैं तो उसके वोट बैंक में भारी इजाफा हो सकता है।
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल भी कांग्रेस पर लगातार हमलावर हैं। वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर भी हमलावर रहे हैं। अजमल कह चुके हैं कि असम में कांग्रेस मुश्किल से एक लोकसभा सीट जीत सकती है।
उन्होंने कहा था कि असम में अब तीन कांग्रेस सांसद हैं गौरव गोगोई, अब्दुल खालिक और प्रद्युत बोरदोलोई। लेकिन इन तीनों में किसी ने भी पिछले पांच वर्षों में जनता की भलाई के लिए कोई काम नहीं किया है। इसलिए आगामी चुनावों में लोग उन्हें वोट नहीं देंगे।
अजमल का मानना है कि कांग्रेस असम में मुश्किल से एक लोकसभा सीट जीत सकती है, जबकि उनकी पार्टी एआईयूडीएफ कम से कम तीन लोकसभा सीटें जीतने के लिए तैयार है।
उन्होंने पिछले दिनों दावा किया था कि भाजपा असम में बाकी सीटें छीन लेगी। अजमल ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा था कि उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा से असम की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अजमल ने राहुल पर हमला बोलते हुए कहा था कि राहुल गांधी उड़ते हुए आएंगे और चले जाएंगे। वह असम के धुबरी या किसी अन्य लोकसभा सीट पर एक प्रतिशत वोट भी हासिल नहीं कर सकते। अजमल ने एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन नहीं करने को लेकर भी कांग्रेस पर हमला बोला है।