नागरिकता संशोधन क़ानून लागू करने की अधिसूचना जारी होने के एक दिन बाद ही असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को यह प्रस्ताव मिला है कि वह अपने विश्वस्त विधायकों के साथ बीजेपी छोड़ कर बाहर निकल आएँ, वैकल्पिक सरकार बनाएँ और कांग्रेस उस सरकार का बाहर से समर्थन करेगी। वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
सोनोवाल को यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त माहौल बना हुआ है, कुछ दिन पहले ही बड़ा आन्दोलन चला था, जिसमें 5 लोग मारे गए थे।
कांग्रेस की पेशकश
असम बीजेपी के लोग ख़ुद को बेहद असहज स्थिति में पा रहे हैं और इस क़ानून पर लोगों से बात नहीं कर पा रहे है, उसका समर्थन नहीं कर पा रहे हैं। ख़ुद सोनोवाल ने दबी ज़ुबान से ही सही, इस पर असहमति जताई थी और अपनी बेबसी का इज़हार किया था।सोनोवाल को पार्टी छोड़ने की सलाह और उनकी सरकार को बाहर से समर्थन देने की पेशकश कांग्रेस के नेता देबब्रत सैकिया ने की है। उन्होंने कहा :
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‘राज्य की जो मौजूदा स्थिति है, उसमें सोनोवाल को चाहिए कि वह अपने साथ सिर्फ़ 30 विधायकों के साथ बीजेपी छोड़ कर निकल आएँ। हम उन्हें बीजेपी-विरोधी सरकार और नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ काम करने वाली सरकार बनाने में मदद करेंगे, हम उनका समर्थन करेंगे। वह एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बन जाएंगे।’
देबब्रत सैकिया, नेता, असम कांग्रेस
असम समझौता
देबब्रत सैकिया ने सोनोवाल से यह भी कहा कि बीजेपी और उसकी सहयोगी असम गण परिषद चुनावी वायदों को पूरा करने में नाकाम रहीं। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन से बीजेपी में शामिल होने वाले कई विधायकों ने असम समझौता लागू करने का वचन दिया था।
सैकिया ने कहा, ‘इन लोगों को असम समझौता लागू करने में बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की दिलचस्पी नहीं होने की वजह से विद्रोह कर देना चाहिए और पार्टी से बाहर निकल जाना चाहिए, हम सरकार बनाने में मदद करने को तैयार हैं।’
सैकिया ने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून की वजह से सोनोवाल को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। असम से प्यार करने वाले विधायकों और मंत्रियों को बीजेपी छोड़ ही देना चाहिए, यही वजह है कि हम उनकी मदद करने को तैयार हैं।