असम-मिज़ोरम सीमा विवाद की वजह से बीते दिनों हुई असम-मिज़ोरम झड़प के बाद पूर्वोत्तर के 16 बीजेपी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर इस समस्या के निपटारे की अपील की है।
दूसरी ओर, मिज़ोरम के राज्यपाल के हरि बाबू ने भी मोदी से मुलाक़ात की है।
पूर्वोत्तर बीजेपी के 16 सांसदों ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि 'कांग्रेस इस स्थिति का राजनीतिकरण कर रही है।'
प्रधानमंत्री से मुलाक़ात के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजुजू ने कहा कि कुछ विदेशी ताकतें असम-मिज़ोरम विवाद खड़ा कर उसका फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।
पूर्वोत्तर बीजेपी के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में असम के 12, अरुणाचल प्रदेश के दो, त्रिपुरा और मणिपुर के एक-एक सांसद थे।
मिज़ोरम के राज्यपाल मिले मोदी से
इसके पहले मिज़ोरम के राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से मुलाक़ात कर कहा था कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री तनाव कम करने और स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
इस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर को ख़ास तवज्जो दी है और वहाँ बड़े पैमाने पर विकास कार्य किया है।
सैटेलाइट की मदद
इस बीच केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में सीमा विवाद को सैटेलाइट इमेजिंग के माध्यम से सुलझाने का फ़ैसला लिया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सीमाओं के निर्धारण का काम अंतरिक्ष विभाग और उत्तर पूर्वी परिषद की संयुक्त पहल के रूप में गठित नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर यानी एनईएसएसी को दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ महीने पहले उपग्रह इमेजिंग के माध्यम से अंतर-राज्यीय सीमाओं के सीमांकन का विचार रखा था।
उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अंतर-राज्यीय सीमाओं और जंगलों की मैपिंग और राज्यों के बीच सीमाओं के वैज्ञानिक सीमांकन के साथ आने के लिए एनईएसएसी को कार्य देने का सुझाव दिया था।
एनईएसएसी उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करके पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास प्रक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है।