असम में 6 अप्रैल को ही मतदान संपन्न हुआ है और कांग्रेस ने तुरंत अपने और सहयोगी दलों के कुछ उम्मीदवारों को जयपुर पहुंचा दिया है। इन उम्मीदवारों को जयपुर के पैरामाउंट होटल में लाकर रखा गया है। निश्चित रूप से यह क़दम चुनाव के बाद विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त को रोकने के लिए उठाया गया है।
बीते साल जब गहलोत और पायलट गुट के बीच घमासान चला था तो गहलोत गुट के विधायकों को इसी पैरामाउंट होटल में रखा गया था। जबकि पायलट के समर्थक विधायक गुड़गांव के पास स्थित मानेसर के एक रिसार्ट में रुके थे।
कांग्रेस और उसके गठबंधन के सहयोगियों को इस बात का डर है कि चुनाव नतीजों के बाद यदि सरकार बनाने में करीबी मुक़ाबला हुआ तो बीजेपी गठबंधन के विधायकों में सेंध लगा सकती है। बताया जा रहा है कि इन 22 विधायकों में कांग्रेस के अलावा बदरूद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ़ के भी विधायक शामिल हैं।
असम में तीन चरणों में चुनाव संपन्न हुआ है और 2 मई को बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के साथ ही यहां के भी चुनाव नतीजे आएंगे।
असम में कांग्रेस ने एआईयूडीएफ, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल), आंचलिक गण मोर्चा और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ़) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 26 सीटें मिली थीं। इससे पहले लगातार 15 साल तक असम में उसकी सरकार रही थी।
बीजेपी ने इस बार असम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इसके अलावा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने असम जातीय परिषद (एजेपी) नाम से राजनीतिक दल बनाया और कई सीटों पर ताल ठोकी। राइज़ोर दल ने भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा है।
कांग्रेस की अब राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में ही अपने दम पर सरकार है और कुछ राज्यों में वह गठबंधन में है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह असम में सरकार बना सकती है और ऐसे में वह कोई जोख़िम नहीं लेना चाहती। शायद इसीलिए उसने यह क़दम उठाया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि अब यह ट्रेंड बन चुका है कि बीजेपी चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में तोड़फोड़ की कोशिश करती है और इसलिए गठबंधन के सहयोगी दल भी सुरक्षा चाहते हैं।
कांग्रेस आरोप लगाती है कि ऑपरेशन लोटस के कारण ही कई राज्यों में उसकी सरकारों को बीजेपी गिरा चुकी है। मध्य प्रदेश से लेकर अरुणाचल, गोवा से लेकर कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों ने बग़ावत की थी और इन सभी जगहों पर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की गठबंधन सरकार गिर गई थी।
इसके अलावा गुजरात, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में कांग्रेस के विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले गए।