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असम : नागरिकों में हथियार बाँट रही है मिज़ोरम सरकार

असम : नागरिकों में हथियार बाँट रही है मिज़ोरम सरकार

असम स्थित कछार ज़िले के उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने मिज़ोरम सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आम नागरिकों के बीच हथियार बाँट रही है और इसमें कुछ पूर्व चरमपंथी भी हैं। 

असम-मिज़ोरम सीमा पर दोनों राज्यों के बीच झड़पों के बाद केंद्रीय बलों की तैनाती से शांति बनी हुई है, लेकिन आरोप-प्रत्यारोप नहीं थमा है और ज़ुबानी जंग तेज़ हो चुकी है। 

असम स्थित कछार ज़िले की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने मिज़ोरम सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आम नागरिकों के बीच हथियार बाँट रही है और इसमें कुछ पूर्व चरमपंथी भी हैं। 

उन्होंने मिज़ोरम से सटे इलाक़ों का सर्वेक्षण करने के बाद यह कहा है। वे वहाँ पुलिस चौकी  बनाने के लिए पुलिस सुपरिटेंडेंट के साथ मुआयना करने गई थीं। 

उन्होंने 'टाइम्स नाउ' से कहा,

हमें जानकारी मिली है कि मिज़ोरम सरकार आम नागरिकों को हथियार और गोला-बारूद से लैस कर रही है। इनमें से कई पहले के चरमपंथी हैं, इसलिए वे प्रशिक्षित हैं। वे आक्रामक ढंग से हमारी ओर बढ़ रहे हैं, उन्हें रोकना होगा।


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चौकियाँ बना रहा है असम 

इस बीच असम पुलिस ने मिज़ोरम से सटी सीमा पर पुलिस चौकियाँ स्थापित करनी शुरू कर दी हैं। पुलिस का कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रख कर ऐसा किया जा रहा है। 

उपायुक्त ने मिज़ोरम पर घुसपैठ का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके लोगों ने असम की सीमा के अंदर जंगल में कैम्प बना लिए हैं। 

उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि सीमा पर असम के जंगलों को बेवजह बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह बांग्लादेश तक हो रहा है। हम उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश यह है कि हमारे मवेशी बचे रहें, हमारे जंगल सही-सलामत रहें और हमारे लोग सुरक्षित रहें।" 

उन्होंने आगे कहा, "मुख्यमंत्री ने हमें ज़रूरी कदम उठाने की हिदायत दी है। मेरी चिंता मुख्य रूप से कछार की सीमा से सटे जंगल को लेकर है, जिसके अंदर मिज़ोरम के लोग दाखिल हो चुके हैं और बेतरतीब ढंग से जंगल काट रहे हैं।" 

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