मेघालय में असम नंबर वाले कई वाहनों में बुधवार को आग लगा दी गई। मेघालय-असम सीमा पर बुधवार को भी तनाव कायम है। मंगलवार की घटना को लेकर असम के सीएम ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है। दोनों राज्यों के बॉर्डर पर मंगलवार को एक गांव में असम पुलिस की फायरिंग के दौरान मेघालय के 6 लोग मारे गए थे। घटना में असम का एक वन रक्षक भी मारा गया था।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने न्यायिक जांच की घोषणा की है। सरमा ने कहा कि मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया है। एसपी का तबादला कर दिया गया है और स्थानीय पुलिस और वन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने इस घटना को नरसंहार बताया है।
वाहनों पर रोक
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए, असम पुलिस ने सीमा पर विभिन्न क्षेत्रों में बैरिकेड्स लगा दिए हैं। मेघालय नंबर वाली गाड़ियों को छोड़कर बाकी वाहनों यानी असम के नंबर वाली गाड़ियों को मेघालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। झड़प के बाद, असम सरकार ने भी गोलीबारी की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा की।खबर है कि सिलचर और कुछ अन्य शहरों में असम नंबर वाले वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। मीडिया रपटों में अभी तक सिलचर में हुई घटना की ही पुष्टि की गई है। काफी लोग होटलों में फंसे हुए हैं। उन्हें डर है कि बाहर निकलने पर असम का निवासी होने के कारण उन पर हमले हो सकते हैं।
इस बीच, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन टाइंगसोंग अन्य मंत्रियों के साथ मुकरोह गांव जाएंगे, जहां मंगलवार को घटना हुई है। वे मारे गए नागरिकों के परिवारों से मिलेंगे।
क्यों हुई घटना
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मंगलवार की घटना लकड़ी की तस्करी को लेकर हुई है। असम वन विभाग की टीम ने मंगलवार सुबह करीब 3 बजे पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के मोइकरांग में मेघालय सीमा पर ट्रक को रोका। ट्रक ने भागने की कोशिश की। उसका पीछा किया गया। असम के वन रक्षकों ने फिर वाहन पर गोलियां चलाईं और एक टायर पंचर कर दिया। तीन लोगों - ट्रक ड्राइवर, हेल्पर और एक अन्य व्यक्ति को पकड़ लिया गया और वन रक्षक उन्हें जिरीकाइंडिंग लाये। वन रक्षकों ने घटना की जानकारी जिरीकिंडिंग पुलिस थाने को दी और अतिरिक्त बल की मांग की।
पीटीआई ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि भारी संख्या में मेघालय के लोग हथियारों से लैस होकर सुबह करीब 5 बजे मौके पर जमा हो गए। मौके पर पहुंचकर पुलिस टीम को आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ी, जिससे वन रक्षक समेत छह लोगों की मौत हो गयी। मृतक वन रक्षक की पहचान बिद्या सिंह लेहटे के रूप में हुई है, जबकि एक अन्य वन रक्षक अभिमन्यु इस घटना में घायल हो गया।