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गहलोत ने किया खड़गे का समर्थन, शशि थरूर ने जताया एतराज

गहलोत ने किया खड़गे का समर्थन, शशि थरूर ने जताया एतराज

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे का खुलकर समर्थन किया है। क्या इसके लिए कांग्रेस का चुनाव प्राधिकरण उन पर कार्रवाई करेगा?

कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली के बाद भोपाल में ‘खरी-खरी’ कही। अपने प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रचार करने पर उन्होंने ऐतराज जताया और दो टूक कहा, ‘कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को देखना चाहिए। गलत हो रहा है, तो उसके हिसाब से कार्रवाई करें।’ 

थरूर वोट मांगने के लिये शुक्रवार को भोपाल आये थे। भोपाल में हुए स्वागत से वे अभिभूत नज़र आये। शानदार स्वागत के बाद थरूर ने कहा, ‘मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्वागत से उत्साहित और बेहद खुश हूं। ऐसा स्वागत किसी भी अन्य राज्य में प्रचार के दौरान अब तक नहीं हुआ।’

शशि थरूर ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमल नाथ और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह का आभार भी जताया।

मध्य प्रदेश कांग्रेस सभागार में उन्होंने अपने वोटरों और कांग्रेसियों से मेल-मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण का आदेश है कि किसी भी बड़े नेता, अध्यक्ष या मुख्यमंत्री को किसी उम्मीदवार का खुला सपोर्ट नहीं करना है। कांग्रेस हाईकमान और चुनाव प्राधिकरण को इस बारे में जरूरी एक्शन लेना चाहिए।’

थरूर ने सवालों के जवाब में कहा, ‘मैं परिवर्तन का उम्मीदवार हूं और खड़गे नेतृत्व के नेता। खड़गे वैसा परिवर्तन नहीं ला सकते, जैसा मैं सोचता हूं और जो कांग्रेस एवं देश दोनों के लिए आवश्यक है।’

बता दें, शशि थरूर कथित दोहरे व्यवहार को लेकर पहले भी नाराजगी जता चुके हैं। गुरुवार को उनका बयान आया था कि मैं अपने लिए खुद वोट मांग रहा हूं। अगर पार्टी के बड़े नेता दो उम्मीदवारों के बीच फर्क करेंगे तो इसे सही कैसे माना जा सकता है।

19 प्रतिशत वोट के लिये नेतृत्व जिम्मेदार!

शशि थरूर ने कहा, ‘पिछले दो चुनाव हम इसलिए हारे, क्योंकि पार्टी का नेतृत्व कमजोर था!’ साल 2014 और इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 19 प्रतिशत वोट मिले, इस हालत में हम कब तक रहेंगे। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘अगर नेतृत्व सक्षम होता तो हम चुनाव हारते ही क्यों?’

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थरूर ने यह भी कहा, ‘एक ही इलाज है कि हमें जनता के बीच अपनी पुरानी पैठ को फिर से बनाना होगा। आकर्षण पैदा करना होगा।’ 

थरूर ने कहा, ‘आज हम कार्यकर्ताओं से पूछ रहे हैं कि आप क्या चाहते हो? कार्यकर्ता को जवाब देने का मौका भी मिल रहा है। पार्टी के मूल्य पार्टी के सिद्धांत हैं। लेकिन बड़े फैसले लेने में कार्यकर्ताओं की राय ली जाए, ये सोच कांग्रेस पार्टी में नहीं बन पा रही है। यही पार्टी की बड़ी कमी है। कार्यकर्ताओं की हमेशा शिकायत रहती है कि कांग्रेस हाईकमान या नेतृत्व से कभी बात या मुलाकात नहीं हो पाती है। ऐसे में उन्हें स्टेक होल्डर्स होने का एहसास नहीं होता है।’

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पटेल ने की थरूर की अगवानी

भोपाल पहुंचने पर एयरपोर्ट पर पूर्व मंत्री और दिग्विजय सिंह के बेहद विश्वासपात्र नेता राजकुमार पटेल ने थरूर की अगवानी की। एयरपोर्ट से पीसीसी पहुंचे थरूर ने पीसीसी चीफ कमलनाथ, राज्य कांग्रेस के प्रभारी जेपी अग्रवाल के अलावा कांग्रेस के प्रमुख नेताओं से अलग-अलग चर्चा की। नाथ से बंद कमरे में उनकी मुलाकात हुई। दिग्विजय सिंह के अनुज और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह भी पूरे समय थरूर के साथ बने रहे। 

खड़गे आये थे भोपाल 

थरूर से पहले वोटरों से मिलने और समर्थन का आग्रह करने के लिये मल्लिकार्जुन खड़गे भोपाल आये थे। उनके दौरे के वक्त प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं की अच्छी भीड़ जुटी थी। खड़गे की तुलना में थरूर का ‘शो’ फीका रहा। स्थानीय विधायकों की अनुपस्थिति भी चर्चाओं में रही।

मध्य प्रदेश में कुल 502 मतदाता हैं, जो कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 15 मनोनीत सदस्य हैं। जबकि 487 प्रतिनिधि वोट डालेंगे। इनमें कांग्रेस के 95 विधायक भी शामिल हैं।

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