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गहलोत की नई कैबिनेट में 15 मंत्रियों ने ली शपथ, 5 मंत्री पायलट कैंप से

गहलोत की नई कैबिनेट में 15 मंत्रियों ने ली शपथ, 5 मंत्री पायलट कैंप से

राजस्थान में अशोक गहलोत की कैबिनेट में जानिए कौन-कौन नये मंत्री बने और क्या सचिन पायलट इससे खुश हैं।

राजस्थान में अशोक गहलोत की नयी कैबिनेट में रविवार को 15 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें 5 मंत्री सचिन पायलट के वफादार माने जाते हैं। इसके साथ ही माना जा रहा है कि कांग्रेस में जो समय-समय पर तनातनी की ख़बरें आती रहती थीं वह अब ख़त्म हो जाएगी। ऐसा इसलिए कि इस कैबिनेट विस्तार पर सचिन पायलट ने खुशी जताई है। 

आज यानी रविवार को शपथ लेने वालों में 11 कैबिनेट मंत्री और 4 राज्यमंत्री शामिल हैं। 2018 में गहलोत के कार्यभार संभालने और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में विद्रोह के क़रीब 16 महीने बाद गहलोत मंत्रिमंडल में यह पहली बार फेरबदल हुआ। गहलोत की नई कैबिनेट में अब 30 मंत्री हो गए हैं। इसमें 12 नये चेहरे हैं। इस फेरबदल में तीन राज्य मंत्रियों को पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।

इन मंत्रियों को दिलाई गई शपथ

कैबिनेट मंत्री-हेमाराम चौधरी, टीकाराम जूली, गोविंदराम मेघवाल, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, रामलाल जाट, भजनलाल जाटव, महेंद्र सिंह मालवीय, महेश जोशी, ममता भूपेश बैरवा और शकुंतला रावत हैं।

राज्यमंत्री-

राजेंद्र गुढ़ा, जाहिदा, मुरारीला मीणा और बृजेंद्र सिंह ओला हैं।

नये मंत्रिमंडल में पायलट के वफादार रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह की मंत्रालय में वापसी हुई, जबकि बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी और मुरारीलाल मीणा नये चेहरे हैं। मुरारीलाल मीणा को राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया जबकि अन्य तीन कैबिनेट मंत्री बने। 

इस फेरबदल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को भी संदेश देने का प्रयास किया गया है।

तीनों राज्य मंत्री- टी भजनलाल जाथव, ममता भूपेश और टीकाराम जूली- जिन्हें पदोन्नत किया गया वे अनुसूचित जाति समुदायों से हैं। अनुसूचित जनजाति समुदाय के तीन मंत्री बनाए गए हैं। इसमें पूर्व सांसद गोविंद राम मेघवाल और रमेश मीणा कैबिनेट मंत्री और मुरारीलाल मीणा शामिल हैं।

सचिन पायलट खुश

बता दें कि सचिन पायलट ने मौजूदा विस्तार पर खुशी जताई है। गहलोत कैबिनेट के विस्तार को लेकर सचिन पायलट ने शपथ ग्रहण से पहले पत्रकारों से कहा था, 'आज नए मंत्री शपथ लेंगे। विचार-विमर्श के बाद पार्टी और नेतृत्व द्वारा उठाया गया क़दम पूरे राज्य में सकारात्मक संदेश दे रहा है। हमने इस मुद्दे को बार-बार उठाया था। मुझे खुशी है कि पार्टी, आलाकमान और राज्य सरकार ने इसका संज्ञान लिया।'

कांग्रेस नेता पायलट कहा, 

हम यहाँ सिद्धांतों के बारे में बात कर रहे हैं। हर किसी की राय मायने रखती है। मुझे खुशी है कि चिंताओं का समाधान किया गया है। परिवर्तन निरंतर है। लेकिन यह क़दम लोगों को प्रेरित करने में मदद करेगा। हम 2023 का चुनाव जीतेंगे।


सचिन पायलट

उन्होंने यह भी कहा कि नई कैबिनेट में 4 दलित मंत्री शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'यह एक संदेश है कि कांग्रेस कमेटी, राज्य सरकार और पार्टी दलितों, पिछड़े और गरीबों के लिए प्रतिनिधित्व चाहती है। लंबे समय से हमारी सरकार में दलित प्रतिनिधित्व नहीं था, अब इसकी भरपाई हो गई है और उन्हें अच्छी संख्या में शामिल किया गया है।'

राजस्थान में 2018 में पार्टी को सत्ता तक पहुँचाने में सचिन पायलट की अहम भूमिका मानी जाती है। इसी कारण उन्हें 2018 की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना गया था। लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें उप मुख्यमंत्री के लिए राजी कर लिया था। बाद में पायलट और गहलोत के बीच संघर्ष हो गया था और पिछले साल पायलट ने 18 विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया था। तब बड़ी मुश्किल से उन्हें मनाया गया था।

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