लखीमपुर में किसानों को कुचलने का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा जेल से बाहर आया

06:45 pm Feb 15, 2022 | सत्य ब्यूरो

लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा जेल से रिहा होकर बाहर आ गया है। आशीष केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा है। हाल ही में हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी। जिस पर सवाल भी उठे थे। यूपी में इस समय विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में आशीष मिश्रा का जेल से बाहर आना कम महत्वपूर्ण नहीं है। आशीष के वकील का कहना है कि आशीष के शहर छोड़ने पर कोर्ट ने किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई है यानी वो कहीं भी आ-जा सकता है।

आशीष के वकील ने जमानत मिलने के बाद दावा किया था कि आशीष घटना के समय मौजूद नहीं था। हमने करीब 150 फोटो विशेष जांच दल को सौंपे थे, जिनसे साबित होता था कि आशीष उस दिन मौके पर नहीं था। लेकिन इस तथ्य को नजरन्दाज किया गया। पुलिस आशीष के खिलाफ कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाई है।

लखीमपुर खीरी 3 अक्टूबर 2021 की घटना

आशीष के जेल से बाहर आने के बाद किसान नेताओं और विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। किसान नेता राकेश टिकैत ने एक टीवी चैनल पर कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा दस्तावेज जुटा रहा है। जल्द ही इसे ऊपर की अदालत में चुनौती दी जाएगी।

किसान नेताओं ने कहा कि पुलिस ने जानबूझकर केस को कमजोर किया, ताकि आशीष को कोर्ट से जमानत मिल सके।

रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि "क्या सिस्टम है! चार किसानों को रौंदा, चार महाने में जमानत।" कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार की इस बात के लिए आलोचना की कि सरकार एक तरफ तो किसान हितैषी बनी नजर आ रही, जबकि वो तमाम किसान विरोधी कर रही है। लखीमपुर की घटना उसका उदाहरण है। आशीष मिश्रा ऐसे समय जेल से बाहर आया है, जब यूपी में दो चरण के चुनाव बाकी हैं लेकिन अभी सबसे महत्वूर्ण पांच चरणों के चुनाव बाकी हैं। तीसरे चरण का चुनाव 14 फरवरी को है। चौथे चरण का चुनाव 23 फरवरी को है। अंतिम चरण 6 मार्च को पूर्वांचल में है। 10 मार्च को चुनावी नतीजे आएंगे।

लखीमपुर खीरी घटना 3 अक्टूबर को हुई थी। वहां किसान तीन कृषि बिलों के विरोध में धरना दे रहे थे। हालांकि बाद में पीएम मोदी ने उस विवादास्पद बिल को वापस लेने की घोषणा कर दी। उस घटना का जो वीडियो सामने आया, उसमें साफ दिख रहा है कि एक जीप तेजी से आती है और वो किसानों पर चढ़ा दी जाती है। आरोप है कि उस जीप को मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा चला रहे थे। इस घटना में तीन किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी। इस घटना का वीडियो आज भी वायरल है। जिसमें साफ दिख रहा है कि धरने पर बैठे किसानों पर पीछे से एक जीप तेजी से आती है और प्रदर्शनकारी किसानों पर चढ़ा दी जाती है। किसानों को कुचलने की घटना होने के बाद किसान गुस्से में आ जाते हैं। फौरन हिंसा शुरू हो जाती है, जिसमें दो बीजेपी कार्यकर्ता नेता भी मारे जाते हैं। बताया जाता है कि वो जीप में सवार थे।