कमलेश मर्डर: बेहद शातिर है हत्यारा अशफाक़, योजना बनाकर किया क़त्ल

10:34 pm Oct 22, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या का मुख्य अभियुक्त अशफाक़ शेख बेहद शातिर है। तिवारी की हत्या के बाद से ही यह सवाल पूछा जा रहा था कि आख़िर वह कौन शख़्स हो सकता है, जिसके लिए उन्होंने दही-बड़े मंगवाए हों, अच्छी आवभगत की हो और वह उनके घर में ही उनकी हत्या कर दे। यह कहा जा रहा था कि वह तिवारी का ज़रूर ही कोई निकट परिचित रहा होगा। लेकिन तिवारी के बेटों या किसी और ने उन्हें पहले कभी नहीं देखे जाने की बात कही थी। और सीसीटीवी कैमरों में जो लोग दिखाई दिये, वे भगवा कपड़े पहने हुए थे। इससे पहली बार में यह शक पैदा हुआ कि तिवारी की हत्या हिंदू संगठन से जुड़े किसी व्यक्ति ने ही की होगी। लेकिन अब जो कहानी सामने आ रही है, उससे पता चलता है कि हत्यारा बेहद ही शातिर है और उसने बहुत तयशुदा रणनीति के तहत ही कमलेश की हत्या को अंजाम दिया है। 

अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, 33 साल के अशफाक़ शेख ने कमलेश तिवारी की पार्टी में शामिल होने के लिए अपनी पुरानी कंपनी के एक साथी रोहित कुमार सोलंकी के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाया था। अशफाक़ इस साल 3 जून को पार्टी में शामिल हुआ था और उसे सूरत के वारछा वार्ड में हिंदू समाज पार्टी के आईटी सेल के प्रचारक की जिम्मेदारी दी गई थी। 

अशफाक़ शेख के साथ जिस दूसरे शख़्स की पुलिस को तलाश है, उसका नाम फरीद पठान उर्फ मोइनुद्दीन है। मोइनुद्दीन पर भी पुलिस को तिवारी की हत्या करने का शक है। रोहित कुमार सोलंकी एक फ़ॉर्मास्युटिकल कंपनी में है और इसी कंपनी में अशफाक़ शेख टीम लीडर व मैनेजर था। जो फर्जी आधार कार्ड बनाया गया है, उसमें सोलंकी की फ़ोटो की जगह अशफाक़ शेख की फ़ोटो लगी है और बाक़ी सभी जानकारी वही (रोहित वाली) हैं। 

रोहित ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, ‘मैं अशफाक़ के साथ पिछले दो-ढाई साल से काम कर रहा हूँ, रविवार को मुझे सोशल मीडिया से पता चला कि उसने मेरे आधार कार्ड का ग़लत इस्तेमाल किया है। वह सभी मेडिकल रिप्रजेंटेटिव के दस्तावेज अपने पास रखता था। मैंने इस बारे में वारछा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा दी है।’

अख़बार के मुताबिक़., अशफाक़ ने रोहित सोलंकी के नाम से एक फ़ेसबुक अकाउंट भी बनाया था और इसमें ख़ुद की फ़ोटो लगाई हुई थी। इसके बाद उसने हिंदू समाज पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष जैमिन दवे उर्फ़ बापू नाम के शख़्स से फ़ेसबुक पर दोस्ती की। बाद में वह दवे से अहमदाबाद में मिला और पार्टी से जुड़ने की इच्छा जताई। 3 जून को दवे ने अशफाक़ शेख को पार्टी में शामिल कर लिया और प्रचारक बना दिया। 

अशफाक़ शेख और फरीद पठान उर्फ मोइनुद्दीन।

यूपी पुलिस ने कमलेश तिवारी हत्याकांड को अंजाम देने वाले हत्यारे मुइनुद्दीन और अशफाक पर ढाई-ढाई लाख रुपये का ईनाम घोषित किया है। दोनों हत्यारे फरार हैं और यूपी पुलिस की टीमें उनकी तलाश में पड़ोसी राज्यों व नेपाल तक भेजी गयी हैं। 

अख़बार में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अशफाक़ शेख सोलंकी बनकर जून के अंतिम हफ़्ते में कमलेश तिवारी से मिला था। पिछले हफ़्ते सूरत से निकलने से पहले उसने तिवारी को फ़ोन किया था और कहा था कि वह उनसे लखनऊ में मिलेगा और सूरत में पार्टी के विस्तार को लेकर बातचीत करना चाहता है। 17 अक्टूबर को लखनऊ पहुंचने के बाद उसने तिवारी को फिर से फ़ोन किया और कहा कि वह उन्हें अगले दिन यानी 18 अक्टूबर को मिलेगा। 

अख़बार के मुताबिक़, जैमिन दवे ने रविवार को फ़ेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर कहा, ‘जो लोग हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, रिकॉर्ड के लिए हम उनका आधार कार्ड और फ़ोटोग्राफ़ रख लेते हैं। आधार कार्ड को ही सबूत मानकर हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी से अनुमति ली थी और अशफाक़ शेख यानी रोहित कुमार सोलंकी को अपने संगठन का सदस्य बनाया था। जब उसने मुझे फ़ेसबुक पर फ़्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेजी थी तो हिंदू समाज पार्टी के कई कार्यकर्ता पहले से ही उसकी लिस्ट में थे।’ 

दवे ने आगे लिखा, ‘इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही मैंने उसे पार्टी का सदस्य बनाया था। अब हमें पता चला है कि उसने फ़र्जी आधार कार्ड दिया था। शनिवार को मैंने सभी दस्तावेज जिसमें उसका फर्जी आधार कार्ड भी शामिल था, उसकी एक कॉपी गुजरात एटीएस को सौंप दी है।’ 

दवे ने फ़ेसबुक पर लिखा है कि अशफाक़ शेख सोलंकी बनकर उनके संगठन के देश भर में फैले कार्यकर्ताओं के संपर्क में था। दवे ने कहा, ‘वह सभी से फ़ोन पर बात करता था और रोहित कुमार सोलंकी बनकर उन्हें मैसेज भेजता था।’

तिवारी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों मौलाना मोहसिन शेख, राशिद अहमद पठान और फ़ैज़ान को शनिवार को सूरत से गिरफ़्तार कर लिया था। पुलिस के मुताबिक़, इन तीनों ने ही पूछताछ के दौरान इस बात का ख़ुलासा किया है कि राशिद के भाई, फरीद और अशफाक़ शेख ने इस हत्या को अंजाम दिया है। 

अख़बार के मुताबिक़, अशफाक़ शेख की बीवी महज़ाबिन ने कहा है कि अशफाक़ ने उसे बताया था कि वह किसी नौकरी का इंटरव्यू देने के लिए चंडीगढ़ जा रहा है। महज़ाबिन ने कहा, ‘मैंने उससे कहा था कि वह मुझे भी साथ ले जाये लेकिन उसने मुझे ले जाने से मना कर दिया। बुधवार सुबह अशफाक़ ने बताया कि वह अपने दोस्त फरीद के साथ जा रहा है और वे बुधवार रात यहां से चले गये थे।’ 

महज़ाबिन ने कहा, ‘मैंने उन्हें गुरुवार को फ़ोन किया था लेकिन उनका फ़ोन स्विच ऑफ़ था। शुक्रवार की रात को फरीद का भाई मेरे घर पर आया और कहा कि अशफाक़ मुझसे बात करना चाहता है। मैंने उससे थोड़ी देर बात की और मैंने उसी नंबर पर बाद में फ़ोन किया तो वह स्विच ऑफ़ था।’ पुलिस ने इस मामले में एक और शख़्स सैयद आसिम अली को भी नागपुर से गिरफ़्तार किया है और उससे कई अहम जानकारियां मिलने की बात कही जा रही है। 

अशफाक़ शेख के द्वारा रोहित सोलंकी के नाम से कमलेश से की गयी फ़ेसबुक चैट का रिकॉर्ड भी पुलिस के पास है। रोहित ने ही कमलेश से एक मुसलिम लड़की की हिन्दू युवक से शादी के लिए मदद मांगी थी जिस पर उसे तिवारी ने मिलने के लिए बुलाया था। पुलिस की इस बात की पुष्टि घटना के इकलौते चश्मदीद कमलेश के कार्यालय सहायक सौराष्ट्रजीत ने भी की है।