ओवैसी बोले- पहले बीजेपी के साथ थे ममता और नीतीश कुमार
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि जब गोधरा कांड हुआ था तब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे। इसके बाद उन्होंने एक बार बीजेपी का साथ छोड़ा और वह फिर उनके साथ चले गए।
ओवैसी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भी नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे और अब उन्होंने एक बार फिर बीजेपी और एनडीए का साथ छोड़ दिया है।
असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों गुजरात में कुछ सीटों पर अपनी पार्टी एआईएमआईएम को मजबूत करने में जुटे हैं। गुजरात में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं।
मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर रहने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ममता बनर्जी पहले बीजेपी के साथ एनडीए में थीं और अभी हाल ही में उन्होंने आरएसएस की तारीफ की है। एआईएमआईएम के मुखिया ओवैसी ने कहा कि यह एक तरह का पाखंड है।
ओवैसी ने कहा कि ऐसे लोग जो सेक्युलरिज्म के चौधरी बनकर बैठे हुए हैं क्या वे तय करेंगे कि कौन कम्युनल है और कौन सेक्युलर।
ओवैसी ने एएनआई से कहा कि 2024 में देश में खिचड़ी सरकार बननी चाहिए और कमजोर प्रधानमंत्री बनना चाहिए जिससे कि देश में कमजोर लोगों का कुछ फायदा हो सके।
भाग जाते हैं कांग्रेस विधायक
गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं और राज्य में लगभग 10 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी हालांकि कितनी सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी यह तय नहीं हुआ है। ओवैसी ने एएनआई से कहा कि गुजरात में कांग्रेस के 17-18 विधायक बीजेपी में जा चुके हैं और जनता देख रही है कि ऐसे लोगों को वोट क्यों देना चाहिए, जब उनके विधायक बीजेपी में भाग जाते हैं।
विपक्षी एकता की कवायद
ओवैसी ने नीतीश और ममता को लेकर यह बात तब कही है जब 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश में विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने की बातें जोर-शोर से की जा रही हैं। कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कोशिशों के मद्देनजर ही दिल्ली आए थे। नीतीश कुमार ने यहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, उनके बेटे अखिलेश यादव, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी सहित तमाम नेताओं से मुलाकात की थी। इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पटना आकर नीतीश कुमार से मिले थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि वह हेमंत सोरेन, नीतीश कुमार और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ एक मंच पर आकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।
‘आप-एआईएमआईएम बीजेपी की बी टीम’
बता दें कि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम बताया था।
केजरीवाल एलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। लेकिन नीतीश ने उनसे एक साथ आने के लिए अनुरोध किया है। एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का मुस्लिम समुदाय में थोड़ा-बहुत असर है। उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम को 5 सीटों पर जीत दिलाई थी। हालांकि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में उन्हें बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा था।
इसलिए पहले कांग्रेस द्वारा केजरीवाल और असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी की बी टीम बताना और अब ओवैसी का नीतीश और ममता पर हमला करने से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या विपक्षी एकता की कोशिशें इस बार भी परवान नहीं चढ़ पाएंगी।
2019 में हुई थी कोशिश
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की तमाम कोशिशें हुई थी लेकिन यह कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकी थीं।
तब तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोशिश की थी कि विपक्षी दलों को एकजुट किया जाए लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसा नहीं हो सका था।