प्रत्यक्षदर्शी सैम डिसूजा से भी हुई पुष्टि- आर्यन केस वसूली का ही 'खेल'!
आर्यन ख़ान मामले में पहले तो गवाह ने कहा कि यह पूरा मामला वसूली से जुड़ा है, लेकिन अब इस मामले में एक अहम कड़ी सैम डिसूजा के बयानों से भी इसकी पुष्टि होती है। यह नाम सबसे पहले तब सामने आया था जब किरन गोसावी के बॉडीगार्ड प्रभाकर सेल ने हलफनामे में इसका नाम लिया था। उन्होंने कहा था कि गोसावी और सैम डिसूजा नाम के एक शख्स को एनसीबी ऑफिस के पास मिलते देखा था। जो बातें प्रभाकर सेल ने कही थीं वे अब सैम डिसूजा से भी पुष्ट होती दिख रही हैं।
उस कथित सौदे का सबसे पहले विवरण देने वाले एनसीबी के ही गवाह प्रभाकर सेल ने कहा था कि सैम डिसूजा ने किरन गोसावी और पूजा ददलानी को मिलाया था। किरन गोसावी वही शख्स है जो ख़ुद को प्राइवेट डिटेक्टिव बताता है और जो एनसीबी की हिरासत में आर्यन ख़ान के साथ सेल्फी को लेकर चर्चा में आया था।
प्रभाकर सेल ने दावा किया था कि गोसावी ने पूजा ददलानी से 25 करोड़ मांगने और 18 करोड़ पर समझौता करने की योजना बनाई, जिसमें से आठ करोड़ का भुगतान एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को किया जाना था।
सैम डिसूजा ने जो ताज़ा खुलासा एनडीटीवी के साथ बातचीत में किया है उसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें 25 करोड़ रुपये के सौदे के बारे में कभी नहीं पता था और उन्होंने केवल गोसावी और शाहरूख की मैनेजर के बीच बैठक कराई थी। डिसूजा के अनुसार गोसावी ने ड्रग्स छापे से एक दिन पहले यानी 1 अक्टूबर को सुनील पाटिल नाम के शख्स के माध्यम से उनसे संपर्क किया। उन्होंने कहा कि सुनील पाटिल का बड़े-बड़े लोगों से संपर्क बताया जाता है और वह ऐसे लोगों के बीच बातचीत में भूमिका निभाता है।
आर्यन ख़ान को हिरासत में लिए जाने के बाद 3 अक्टूबर की बातचीत का ज़िक्र करते हुए डिसूजा ने कहा, 'मैं गोसावी से मिला और मैंने उससे पूछा कि वह क्या चाहता है। उसने मुझे बताया कि आर्यन ख़ान को गिरफ्तार किया गया है और वह शाहरूख की मैनेजर से बात करना चाहता है। मैंने कहा कि मेरे पास उसका संपर्क नहीं है, मैं कोशिश करूंगा। मुझे उसका नंबर नहीं मिला।'
उन्होने कहा, 'गोसावी फिर से आया और मुझसे कहा कि आर्यन ख़ान से कोई ड्रग्स नहीं मिला है और हम उसकी मदद कर सकते हैं। फिर मैंने किसी तरह (पूजा ददलानी का) नंबर लिया और उनसे बात कराई। मैं गोसावी और पूजा ददलानी के बीच बैठक में मौजूद था। गोसावी ने दावा किया कि वह एक जांच अधिकारी थे। मैं उन्हें नहीं जानता था इसलिए मैंने उन पर विश्वास किया और उन्हें 'सर' कहकर पुकारा। गोसावी ने बहुत सी बातें कही जो सच नहीं थीं। हमें गुमराह करने के लिए उन्होंने अपने बॉडीगार्ड प्रभाकर सेल का नंबर भी समीर वानखेड़े के रूप में सेव किया था। उनकी कार पर एनसीबी का स्टिकर भी था।'
डिसूजा ने कहा, 'हम चौंक गए जब सुनील पाटिल ने मुझे बताया कि गोसावी ने पूजा ददलानी से 50 लाख रुपये लिए हैं। फिर आर्यन के साथ गोसावी की सेल्फी वायरल हो गई। गोसावी और सुनील पाटिल धोखेबाज निकले। सुनील पाटिल ने मुझे पैसे इकट्ठा करने के लिए कहा। हमने पूजा ददलानी के लिए वह पैसा बरामद किया।'
बता दें कि एनसीबी कार्रवाई पर शुरू से सवाल उठते रहे हैं। जेल में बंद केपी गोसावी के सहयोगी रहे प्रभाकर सेल ने आरोप लगाया था कि मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में एनसीबी द्वारा उन्हें एक खाली पंचनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था।
हलफनामे में प्रभाकर सेल ने कहा है कि वह उस नाटकीय घटनाओं का गवाह था जो क्रूज छापे के बाद सामने आई थी। उसने कहा था कि वह छापे की रात गोसावी के साथ था और उन्हें पंचनामा के रूप में कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था। उसने यह भी कहा कि उन्हें छापेमारी में जब्ती की जानकारी नहीं है।
आर्यन ख़ान के ख़िलाफ़ मामला उनके वाट्सऐप चैट पर आधारित है। आर्यन के पास से न तो कोई ड्रग्स मिला है और न ही मेडिकल जाँच में ड्रग्स के सेवन की पुष्टि हुई है।
इस तरह नये खुलासे से क्या इसकी और ज़्यादा पुष्टि नहीं होती है कि क्या आर्यन ख़ान को करोड़ों रुपये का सौदा कर फँसाया गया और क्या इसके पीछे एक बड़ी साज़िश थी?