अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन की ख़ूब कोशिश की लेकिन फ़िलहाल गठबंधन की सभी संभावनाएँ ख़त्म हो गई हैं। अब केजरीवाल चाहते हैं कि दिल्ली न सही हरियाणा में ही कांग्रेस से गठबंधन हो जाए। केजरीवाल ने आज ट्वीट कर लिखा है, ‘देश के लोग अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी को हराना चाहते हैं। अगर हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी), आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो हरियाणा की सभी 10 सीटों पर बीजेपी चुनाव हार जाएगी।’ केजरीवाल ने आगे लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इस प्रस्ताव पर विचार करें।
हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और हाल ही में हुए जींद विधानसभा के उपचुनाव में ‘आप’ और जेजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इस उपचुनाव में गठबंधन के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चौटाला दूसरे नंबर पर रहे थे, जबकि कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था।
जींद उपचुनाव के बाद से ही यह माना जा रहा था कि जेजेपी और ‘आप’ हरियाणा में मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन हाल ही में ‘आप’ की हरियाणा इकाई के संयोजक नवीन जयहिंद ने एक ट्वीट कर कहा था कि जेजेपी के साथ गठबंधन की सभी संभावनाएँ ख़त्म हो गई हैं। ऐसे में केजरीवाल के बयान के बाद एक बार फिर इस बात की संभावना जताई जा रही है कि क्या जेजेपी, कांग्रेस और आप हरियाणा में साथ आ सकते हैं। केजरीवाल ने राहुल गाँधी से इस पर विचार करने को कहा है। देखना है कि राहुल गाँधी उनके इस प्रस्ताव पर क्या जवाब देते हैं।
बता दें कि कांग्रेस और ‘आप’ के बीच दिल्ली में भी गठबंधन को लेकर लंबे समय तक अटकलें चलती रहीं। कुछ दिनों पहले ही यह ख़बर आई थी कि दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से दोनों पार्टियों ने तीन-तीन सीटों पर लड़ने का फ़ैसला कर लिया है और बची एक सीट पर बीजेपी के बाग़ी नेता यशवंत सिन्हा को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतारने की सहमति बनी है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने इस तरह की ख़बरों को ग़लत बताते हुए कहा था कि कांग्रेस ने ‘आप’ के साथ गठबंधन नहीं करने का फ़ैसला किया है और यह फ़ैसला पार्टी में सर्वसम्मति से हुआ है।
पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सातों सीटों पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया था। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार कांग्रेस से गठबंधन करने की गुहार लगाते रहे। उन्होंने कई बार कहा कि वह गठबंधन के लिए तैयार हैं लेकिन कांग्रेस नहीं मान रही है। दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी हाल ही में साफ़ कर दिया कि कांग्रेस दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस और ‘आप’ के गठबंधन की संभावनाएँ फ़िलहाल ख़त्म हो गई हैं।