अरुणाचल प्रदेश में स्थायी निवास प्रमाण पत्र के मुद्दे पर विरोध उग्र हो गया है। ग़ुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री के घर में आग लगा दी और कई गाड़ियों को तोड़ दिया। ख़राब हालात को देखते हुए सेना बुला ली गई है और हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है। राज्य की राजधानी ईंटानगर में जिला आयुक्त के घर में भी तोड़फोड़ की गई है। हिंसा के बाद उपमुख्यमंत्री चोना मेन ईंटानगर से बाहर नामसाई जिले में चले गए हैं।
अरुणाचल से बाहर के लोगों को स्थायी प्रमाण पत्र देने के मुद्दे को लेकर राज्य में शुक्रवार से ही तनाव है। शुक्रवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने 50 कारों में आग लगा दी थी और 100 गाड़ियों को तोड़ दिया था। इस दौरान हुई पुलिस फ़ायरिंग में एक युवक की मौत हो गई थी। तनाव को देखते हुए सेना ईंटानगर में फ़्लैग मार्च कर रही है और इंटरनेट सेवाओं को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है।
बता दें कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए पैनल ने अरुणाचल से बाहर के लोगों के छह समुदायों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र देने की सिफ़ारिश की थी। ये वे समुदाय हैं जो राज्य के नामसाई और चांगलांग जिलों में कई दशकों से रहते आ रहे हैं।
पैनल की सिफ़ारिशें सामने आने के बाद कई संगठनों ने इसका विरोध किया था। इन संगठनों का कहना है कि अगर राज्य सरकार इन सिफ़ारिशों को स्वीकार करती है तो इससे राज्य के मूल लोगों के अधिकारों का हनन होगा।
पीछे हटी राज्य सरकार
राज्य में हो रहे उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अरुणाचल प्रदेश की सरकार ने कहा है कि वह नामसाई और चांगलांग जिलों में रह रहे अरुणाचल से बाहर के लोगों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र देने के अपने नियम में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगी।
मौजूदा व्यवस्था के अनुसार, भारत के ग़ैर अरुणाचली नागरिकों को अरुणाचल में प्रवेश के लिए इनर लाइन परमिट लेना होता है और यह केवल 15 दिन के लिए वैध होता है। राज्य में नौकरी करने के लिए आने वाले व्यक्तियों के लिए यह परमिट 1 साल के लिए वैध होता है।