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5 जी के गेम में अडानी ग्रुप भी कूदा, रिलायंस की राहें अब उतनी आसान नहीं

5 जी के गेम में अडानी ग्रुप भी कूदा, रिलायंस की राहें अब उतनी आसान नहीं

भारतीय उद्योग जगत में शनिवार को महत्वपूर्ण घटना हुई। अडानी समूह ने कहा है कि वो भी 5 जी स्पेक्ट्रम की बोली में शामिल होगा। अभी तक रिलायंस जियो के लिए यह सौदा आसान लग रहा था लेकिन अडानी ग्रुप के बोली लगाने के फैसले से 5 जी का पूरा सीन बदल गया है।

अडानी समूह भी 5 जी की दौड़ में शामिल हो गया है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अदानी समूह ने शनिवार को टेलीकॉम स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में अपने प्रवेश की पुष्टि की। इस तरह अडानी ग्रुप अब सीधे मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो टेलीकॉम जार सुनील भारती मित्तल के एयरटेल के मुकाबले में आ खड़ा हुआ है।

अडानी समूह ने कहा कि स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल हवाई अड्डों से लेकर बिजली तक अपने कारोबार को समर्थन देने के लिए एक निजी नेटवर्क बनाने के लिए किया जाएगा।

बयान में कहा गया है, चूंकि भारत इस नीलामी के माध्यम से अगली पीढ़ी की 5जी सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रहा है, इसलिए हम खुली बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाले कई आवेदकों में से एक हैं। 

एयरटेल, जियो, वोडाफोन आइडिया (वीआई) और अब अदानी समूह की इकाई सहित चार कंपनियों ने 26 जुलाई से भारत में 5जी स्पेक्ट्रम की पहली नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन किया है। 

बयान में कहा गया है, हम हवाई अड्डे, बंदरगाहों और रसद, बिजली उत्पादन, डिस्ट्रीब्यूशन, वितरण और विभिन्न विनिर्माण कार्यों में बढ़ी हुई साइबर सुरक्षा के साथ-साथ निजी नेटवर्क समाधान प्रदान करने के लिए 5 जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग ले रहे हैं। 

इस उद्योग के शीर्ष अधिकारियों और विश्लेषकों का कहना कि अडानी के प्रवेश से आगामी 5G एयरवेव्स बिक्री में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सकता है, जिसमें हाल ही में मौन बोली देखे जाने की उम्मीद थी, क्योंकि मुकाबले में Jio और भारती एयरटेल दो प्रमुख बोलीदाता ही थे। मौन बोली का अर्थ यहां समझा जा सकता है। कहा जा रहा था कि रिलायंस जियो को 5 जी में एंट्री मिलने में कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन अब अडानी के इस खेल में कूदने से सीन बदल गया है।

अंबानी और अडानी का हाल तक सीधा आमना-सामना नहीं हुआ था। रिलायंस का विस्तार तेल और पेट्रोकेमिकल व्यवसाय से दूरसंचार और रिटेल मार्केट में हुआ, वहीं अडानी ने बंदरगाह से लेकर कोयला, पावर डिस्ट्रीब्यूशन और एयरपोर्ट क्षेत्र में विस्तार किया। बहरहहाल, अब तेजी से, उनके हित टकरा रहे हैं। उनके संघर्ष का मंच तैयार हो रहा है। 

अदानी ने हाल के महीनों में पेट्रोकेमिकल्स में प्रवेश के लिए एक सहायक कंपनी की स्थापना की है - एक ऐसा व्यवसाय जिसे अंबानी के पिता धीरूभाई ने डाउनस्ट्रीम और अपस्ट्रीम संचालन से पहले शुरू किया था। इसी तरह अंबानी ने अडानी के कई काम वाले क्षेत्रों में प्रवेश किया है। जिसमें सोलर इंडस्ट्री प्रमुख है।

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