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आँध्र प्रदेश में ज़िले का नाम बदलने को लेकर मंत्री का घर फूँक डाला

आँध्र प्रदेश में ज़िले का नाम बदलने को लेकर मंत्री का घर फूँक डाला

आँध्र प्रदेश में एक ज़िले का नाम बदलने के प्रस्ताव पर प्रदर्शनकारियों का इतना ग़ुस्सा क्यों फूट पड़ा कि उन्होंने हिंसा कर दी? प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के घर में आग क्यों लगाई?

आंध्र प्रदेश में प्रदर्शनकारियों ने आज अमलापुरम शहर में परिवहन मंत्री पी विश्वरूप के घर को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने मंत्री और उनके परिवार को सुरक्षित निकाल लिया। प्रदर्शनकारियों की भीड़ नव-निर्मित कोनसीमा जिले का नाम बदलकर बी आर आंबेडकर कोनसीमा जिले के रूप में प्रस्तावित करने से ग़ुस्साई थी।

सोशल मीडिया पर साझा किए गए घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि एक घर में भीषण आग लगी है। घर के बाहर कुछ लोग देखे जा सकते हैं और लोगों का शोर सुना जा सकता है।

एक तसवीर में देखा जा सकता है कि एक पुलिस वाहन और एक शिक्षण संस्थान की बस को भी आग के हवाले कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों द्वारा फेंके गए पथर से कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी ख़बर है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के गृह मंत्री ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हम घटना की गहन जांच करेंगे और दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेंगे।'

एक ऑनलाइन वेबसाइट के अनुसार, मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने ज़िला कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला और नारेबाजी की। उन सभी ने सर्वसम्मति से कहा कि उन्हें कोनसीमा जिले के अलावा कोई और नाम नहीं चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनावपूर्ण माहौल रहा और कहा-सुनी हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। इससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव और बढ़ गया। आखिर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और कुछ प्रदर्शनकारियों को पकड़कर थाने ले आई। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ नारे लगाए। हालाँकि, पुलिस ने अमलापुरम शहर में प्रदर्शनकारियों के प्रवेश को रोकने की कोशिश की, लेकिन बाद में प्रदर्शनकारियों ने शहर में भी हिंसा की।

बता दें कि 4 अप्रैल को नए कोनसीमा जिले को तत्कालीन पूर्वी गोदावरी से अलग करके बनाया गया था। पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने एक प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर कोनसीमा का नाम बदलकर बी आर आंबेडकर कोनसीमा जिले के रूप में करने का प्रस्ताव रखा और इस पर लोगों से आपत्तियाँ मांगी थीं। कोनसीमा साधना समिति ने जिले के प्रस्तावित नामकरण पर आपत्ति जताई और वह चाहती थी कि कोनसीमा नाम को बरकरार रखा जाए।

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