आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की एक जनसभा में रविवार को फिर से भगदड़ मचने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है। कई लोगों के घायल होने की ख़बर है। अभी कुछ दिन पहले नेल्लोर में नायडू की एक जनसभा के दौरान मची भगदड़ में आठ लोगों की मौत हो गई थी।
चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के गुंटूर के विकास नगर में रविवार को संक्रांति उपहार कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम के दौरान ही भगदड़ मचने की ख़बर है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं द्वारा पिछले दस दिनों से चलाए जा रहे प्रचार के कारण बड़ी संख्या में महिलाएँ कार्यक्रम में आईं।
इस घटना के हफ़्ते भर के अंदर ही ऐसी दूसरी घटना है। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में चंद्रबाबू नायडू के रोड शो में बुधवार को हुई भगदड़ में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी और पांच अन्य घायल हो गए थे।
घटना उस समय हुई जब चंद्रबाबू नायडू कंदुकुर पहुंचे थे। जैसे ही चंद्रबाबू नायडू मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करने पहुंचे तो ज्यादा भीड़ होने की वजह से भगदड़ जैसे हालात बन गए, ज्यादा लोगों के एक नाले पर चढ़ जाने की वजह से इसकी सीमेंट की रेलिंग टूट गई और कई लोग नाले में गिर गए थे।
दम घुटने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, दो की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई और दो और टीडीपी कार्यकर्ताओं की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
आंध्र प्रदेश में साल 2024 के मई में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे ठीक पहले चंद्रबाबू नायडू कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पूरे राज्य में यात्रा निकाल रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि अगर लोग उनकी पार्टी को नहीं चुनते हैं तो 2024 का विधानसभा चुनाव उनके लिए अंतिम चुनाव होगा।
नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के ख़िलाफ़ नवंबर में यात्राएँ शुरू की थीं। इस दौरान वह जगन सरकार की कथित विफलताओं को मुद्दा बना रहे हैं।
अगले साल जनवरी में नारा लोकेश राज्य में 4000 किलोमीटर लंबी पदयात्रा भी शुरू करेंगे। इसके जरिए टीडीपी युवा कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करेगी। यह यात्रा 27 जनवरी को शुरू होगी और 400 दिन तक चलेगी।
कुछ दिन पहले वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के कार्यकर्ताओं के बीच पलनाडु जिले में हिंसक झड़प हुई थी और इसमें दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता घायल हुए थे। हालात इतने बिगड़ गए थे कि पुलिस को इलाके में धारा 144 लागू करनी पड़ी थी।
टीडीपी ने आरोप लगाया था कि उसके पार्टी दफ्तर में तोड़फोड़ की गई और उसके नेताओं की गाड़ियों को तोड़ दिया गया। उसके समर्थकों की कुछ दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया लेकिन पुलिस ने वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।