अनवारुल हक काकर ने पाकिस्तान के आठवें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। कहा जा रहा है कि वह सेना के करीबी हैं। पुश्तून नेता अनवारुल हक काकर ने अगले आम चुनाव कराने के लिए एक तटस्थ राजनीतिक व्यवस्था का नेतृत्व करने के लिए सोमवार को पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला।
पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव के लिए यह व्यवस्था की गई है। चुनाव कराने के लिए एक तटस्थ सरकार इसलिए चुनी जाती है ताकि पहले की सत्ताधारी सरकार चुनाव में किसी तरह का ग़लत फायदा नहीं उठा सके। भारत में निष्पक्ष चुनाव कराने का जिम्मा चुनाव आयोग उठाता है और वह निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अधिकारियों तक की ड्यूटी तय करता है।
बहरहाल, पाकिस्तान के अंग्रेजी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक सादे समारोह में 52 वर्षीय काकर को शपथ दिलाई। समारोह में निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और कई शीर्ष नेता शामिल हुए। वह पाकिस्तान के 8वें अंतरिम प्रधानमंत्री बने। अगले चुनाव होने और नये प्रधानमंत्री चुने जाने तक वह इस पद पर रहेंगे।
बलूचिस्तान प्रांत के काकर को संविधान में दिए गए चुनावों की देखरेख करने के लिए सर्वसम्मति से अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। उन्होंने सीनेटर के रूप में कार्य किया लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति के बाद पद से इस्तीफा दे दिया।
काकर का अब तात्कालिक कार्य देश चलाने में सहायता के लिए एक कैबिनेट बनाना है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पूर्व कैरियर राजनयिक जलील अब्बास जिलानी को विदेश मंत्री नियुक्त किए जाने की उम्मीद है। वह अंतरिम प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भी शामिल थे।
काकर को अब स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने और नाजुक अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाए रखने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
एक दिन पहले काकर ने सीनेट के साथ-साथ उस बलूचिस्तान अवामी पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा की, जिसकी स्थापना उन्होंने 2018 में की थी। जियो न्यूज के मुताबिक, काकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह निष्पक्ष अंतरिम प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। चूंकि पाकिस्तान चुनाव आयोग के सहयोग से स्वतंत्र और निष्पक्ष आम चुनाव कराना उनकी जिम्मेदारी है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया।
रविवार को एक बयान में शरीफ ने भरोसा जताया कि काकर निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा, 'सभी दलों द्वारा काकर के नाम पर जताया गया भरोसा उनकी उचित पसंद को साबित करता है क्योंकि भावी कार्यवाहक प्रधानमंत्री एक शिक्षित व्यक्ति और देशभक्त हैं।'