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अज़ान के लिए लाउडस्पीकर पर अनुराधा पौडवाल की आपत्ति

अज़ान के लिए लाउडस्पीकर पर अनुराधा पौडवाल की आपत्ति

कई राज्यों में अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर आपत्ति उठाए जाने के बीच अब मशहूर पार्श्व गायिका इस विवाद में क्यों कूदीं? जानिए उन्होंने लाउडस्पीकर पर क्या कहा। 

प्रख्यात पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल ने अजान के लिए उपयोग किए जाने वाले लाउडस्पीकर की आवाज़ पर आपत्ति जताई है। हनुमान जन्मोत्सव पर जबलपुर में एक निजी कार्यक्रम में प्रस्तुति देने पहुंची पौडवाल ने कहा है, ‘धर्म का मतलब होता है - कर्त्तव्य। लिहाज़ा पहला कर्त्तव्य यही है कि मेरी वजह से किसी अन्य को तकलीफ ना हो।’

हजारों गाने, और भजन गा चुकीं अनुराधा पौडवाल ने कहा, ‘मैं, सनातन धर्म को मानने वाली हूँ। जोर-जोर से लाउडस्पीकर चलता है तो सोच-समझकर उसकी आवाज़ को कम करना चाहिए।’

बिना किसी धर्म या मज़हब का नाम लिए हुए उन्होंने यह भी कहा, ‘साल में उनके त्योहार पर कुछ दिन हो तो समझ आता है। लेकिन मजहब की दुहाई देकर अगर एक व्यक्ति ऐसा करता है, तो फिर दूसरा करेगा, और दूसरे को देखकर तीसरा, हम मेले या तेज शोर-शराबे के बीच तो रह नहीं रहे हैं कि हर रोज शोर हो।’

पौडवाल ने कहा, ‘मेरे बयान को राजनीति से जोड़कर देखा जायेगा, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरे दिल में हर धर्म के लिए सम्मान है।’

क़ानून सबके लिए एक जैसा होना चाहिए

पौडवाल ने कहा, ‘जगराता-गरबा भारत की संस्कृति का हिस्सा है। हजारों सालों से हमारे देश में गरबा, और जगराता होते आ रहा है। मान्यता है नवरात्रि में माता स्वयं गरबा खेलती हैं। मगर रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर के उपयोग पर देश के ज़्यादातर हिस्सों में प्रतिबंध लग चुका है।’

उन्होंने कहा, ‘जगराता और गरबा पर रात दस बजे के बाद प्रतिबंध की वजह से जगराते-गरबे सिमट कर रह गए हैं। मैंने स्वयं बीते 12 सालों से जगराते-गरबे का कोई कार्यक्रम नहीं किया है। बड़ी तादाद में इन कार्यक्रमों से जुड़कर रोजगार पाने वाले बेरोजगार हो गए हैं, अथवा अन्य रोजगार के लिए मजबूर हुए हैं।’

पौडवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि कानून सबसे लिए एक जैसा है, गरबा-जगराता रात 10 बजे के बाद प्रतिबंधित है, तो अज़ान के वक्त लाउडस्पीकर की तेज ध्वनि के उपयोग पर प्रतिबंध में क्या हर्ज है?

पहले भी जता चुकी हैं आपत्ति

अनुराधा पौडवाल ने इसी महीने एक न्यूज़ चैनल पर भी लाउडस्पीकर पर तेज़ आवाज़ में अजान को लेकर आपत्ति जताई थी। सवालों के जवाब में उन्होंने कहा था, ‘अज़ान के समय लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर पाबंदी को नहीं माना जाता है तो फिर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़े जाने की घोषणा को भी वे ग़लत नहीं मानती हैं।’

उन्होंने कहा था, ‘मुद्दा मजहब, और उसकी इबादत का नहीं, बल्कि लाउडस्पीकर का है। शांति से रहना, एक-दूसरे को तकलीफ ना हो, देखना-ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। गरबे-जगराते पर दस बजे के बाद पाबंदी से लाखों लोगों की रोजी-रोटी बंद हुई तो किसी ने आवाज़ नहीं उठाई! क़ानून सबके लिए समान होना चाहिए।’

पौडवाल ने कर्नाटक कोर्ट द्वारा अजान के समय एक निश्चित डेसिमल तक ही लाउडस्पीकर चला सकने संबंधी फ़ैसले को स्वागत योग्य भी बताया था।

पौडवाल ने यह भी कहा था, ‘मैंने कई देशों में कार्यक्रम किए। घूमी हूँ, लेकिन ऐसा कहीं और होते नहीं देखा, जैसा कि यहां (भारत में) होता है। 

 - Satya Hindi

सोनू निगम जता चुके हैं आपत्ति

अनुराधा पौडवाल के पहले जाने-माने पार्श्व गायक सोनू निगम ने अजान को लेकर आपत्ति जताई थी। निगम के क़दम पर कट्टरपंथियों ने जमकर बवाल किया था। सोशल मीडिया पर उन्हें जान से मारने की धमकियाँ भी मिली थीं। धमकियों के बाद निगम की सुरक्षा बढ़ाई गई थी।

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