अनुपम खेर बोले- छवि गढ़ने से ज़्यादा लोगों की जान बचाना ज़रूरी
मोदी सरकार के पक्ष में छाती ठोककर खड़े होने वाले और बीजेपी सांसद किरण खेर के पति अनुपम खेर तक सरकार की आलोचना करने लगे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में बने हालात को देखकर परेशान खेर ने कहा है कि उनका मानना है कि कोरोना संकट के दौरान सरकार से चूक हुई है और यह ज़रूरी है कि उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
बीजेपी के कट्टर समर्थक खेर ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, “सरकारों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए था कि लोगों की जान बचाना या ज़रूरी सुविधाएं जैसे बेड तैयार करना ज़रूरी था। लोगों का ग़ुस्सा जायज है, अभी भी वक़्त है और उन्हें हालात को संभालना चाहिए।”
खेर ने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार को लोगों ने ही सरकार में बैठाया है और अगर लोगों के लिए ही संतोषजनक काम नहीं होगा तो ये न केवल दुख की बात है बल्कि ग़ुस्से की भी बात है।
खेर से जब यह सवाल पूछा गया कि सरकार के प्रयास क्या राहत पहुंचाने के बजाए अपनी छवि को बनाने के रहे तो उन्होंने कहा, “सरकार से कहीं न कहीं चूक हुई है, यह वह वक़्त है जब सरकार के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि इस वक़्त छवि गढ़ने से ज्यादा जीवन बचाना ज़रूरी है।”
फ़िल्म अभिनेता खेर ने कहा, “मैं सोचता हूं कि कई मामलों में आलोचना सही है और सरकार के लिए भी यह अहम है कि वह उन कामों को करे जिसके लिए लोगों ने उसे चुना है।”
शवों को लेकर रखी बात
हाल ही में उत्तर प्रदेश-बिहार में गंगा-यमुना में मिले शवों को लेकर खेर ने कहा, “किसी अमानवीय व्यक्ति पर ही इन बहते हुए शवों को देखकर कोई असर नहीं होगा लेकिन दूसरे राजनीतिक दलों का इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना भी सही नहीं है। यह ज़रूरी है कि जो कुछ हुआ है, उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाए।”
अनुपम खेर को दो हफ़्ते पहले ही उनके एक ट्वीट, ‘आएगा तो मोदी ही’ के लिए सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था।
सोशल मीडिया पर चर्चा
अनुपम खेर जैसे मोदी सरकार के कट्टर समर्थक जब सरकार को जिम्मेदार ठहराने की बात कहते हैं और उसकी आलोचना करते हैं तो इसका मतलब साफ है कि सरकार कोरोना संकट के दौरान फ़ेल साबित हुई है। अनुपम खेर के सरकार की खिंचाई करने वाले बयानों की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है और लोग कह रहे हैं कि मोदी सरकार का आंख बंदकर समर्थन करने वाले लोग भी अब उसे कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।