वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के दो राज्यसभा सांसदों - मोपिदेवी वेंकटरमण राव और बीएम राव ने राज्यसभा के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि कम से कम छह और वाईएसआरसीपी सांसद बाहर जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, वेंकटरमण और बी. मस्तान राव ने हाल ही में टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की थी। टीडीपी सूत्रों ने बताया, "वेंकटरमण को राज्यसभा सांसद के रूप में फिर से नामित किया जाएगा, वहीं मस्तान बिना शर्त टीडीपी में शामिल होने के लिए सहमत हो गए हैं।"
टीडीपी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि वाईएसआरसीपी के कम से कम छह और राज्यसभा सांसद बाहर हो सकते हैं। सूत्र ने कहा, "उनमें से कुछ टीडीपी में शामिल होंगे जबकि कुछ के भाजपा में शामिल होने की संभावना है।"
हाल ही में राज्यसभा चुनाव की जीत के बाद एनडीए के पास राज्यसभा में बहुमत है, जहां वे और उनके सहयोगी दल 11 में से 10 सीटें जीत गए थे। राज्यसभा में सदस्यों की संख्या वर्तमान में 114 है, जिसमें कुछ नामांकित और स्वतंत्र सदस्य भी शामिल हैं। टीडीपी के दो सांसदों का दोबारा निर्वाचित होना तय है, जिससे एनडीए की ताकत और बढ़ेगी।
यह दलबदल इसलिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि 2019 से आंध्र की सभी 11 राज्यसभा सीटें वाईएसआरसीपी के पास हैं। अब इनमें से कुछ टीडीपी के जरिए वापस राज्यसभा में आएंगे। राज्यसभा में टीडीपी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए बेताब है। इसीलिए इतने बड़े पैमाने पर जगन की पार्टी के सांसद टूट रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि जगनमोहन रेड्डी का रुख साफ नहीं होने की वजह से सांसद पार्टी छोड़ रहे हैं। वाईएसआरसीपी के कई सांसद कुद को "अप्रासंगिक" महसूस करने लगे हैं। क्योंकि विभिन्न मुद्दों पर पार्टी प्रमुख जगन रेड्डी के रुख के बारे में भी कोई स्पष्टता नहीं है। पहले वो एनडीए के अध्यक्ष पद का समर्थन करते देखे गए, लेकिन बाद में उन्हें इंडिया गठबंधन के साथ तालमेल बिठाते देखा गया। सांसदों को लगता है कि सत्ता से बाहर रहना उन्हें राज्यसभा में अप्रासंगिक बना रहा है।
पहले एन किरण कुमार रेड्डी और वाई एस राजशेखर रेड्डी मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री वेंकटरमण को जगन के वफादार के रूप में देखा जाता था, लेकिन जब से पार्टी ने उन्हें रेपल्ले विधानसभा सीट से टिकट देने से इनकार कर दिया है, तब से वह वाईएसआरसीपी अध्यक्ष से नाराज हैं। हाल के चुनावों में वाईएसआरसीपी को टीडीपी-जनसेना पार्टी (जेएसपी)-बीजेपी गठबंधन से हार का सामना करना पड़ा और वह राज्य में 11 सीटों पर सिमट गई।
जब वे किरण कुमार रेड्डी मंत्रिमंडल में थे, तब वेंकटरमण को पूर्व मंत्री धर्मना प्रसाद राव के साथ कथित वडारेवु और निज़ामपट्टनम औद्योगिक गलियारा (VANPIC) घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा देने वाले दूसरे वाईएसआरसीपी सांसद बी. मस्तान राव, जो आंध्र के राजनीतिक हलकों में नायडू के करीबी के रूप में जाने जाते हैं, हाल ही में तब खबरों में थे जब उनकी बेटी ने चेन्नई में अपनी लक्जरी कार से एक व्यक्ति को टक्कर मार दी थी। वह एक उद्योगपति और बीएमआर ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के अध्यक्ष हैं, जो देश में झींगा मछली के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है।
दो सांसदों के इस्तीफे से वाईएसआर कांग्रेस की ताकत और कम हो गई है। वाईएसआरसीपी के पास अब 11 की जगह नौ सांसद हैं। पार्टी, जो 2024 के विधानसभा चुनावों में सत्ता से बाहर हो गई थी, लोकसभा की 25 सीटों में से सिर्फ चार सीटें जीतने में सफल रही। सीटों का बड़ा हिस्सा चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी ने जीता, जिसके 16 सांसद हैं, जबकि बीजेपी ने दो सीटें जीतीं। पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना के दो लोकसभा सांसद हैं।