चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का ड्रामा शुक्रवार आधी रात के बाद शुरू हुआ। टीडीपी प्रमुख के घर पर जो लोग भारी तादाद में जुट गए तब शनिवार सुबह वो घर से बाहर आए और आंध्र प्रदेश आपराधिक जांच विभाग के अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार देर रात, अधिकारी नंद्याल के एक समारोह हॉल में पहुंचे और नायडू को गिरफ्तारी वारंट दिया। टीडीपी प्रमुख के समर्थकों के विरोध के कारण वे उन्हें हिरासत में नहीं ले सके।
टीडीपी समर्थकों ने पुलिस पर सवाल उठाए, तो पुलिस अधिकारियों को यह कहते हुए सुना गया कि उनके पास सबूत हैं और रिमांड रिपोर्ट में सब कुछ है। पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने गिरफ्तार किए जाने के समय अपने समर्थकों से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
नायडू को दिए गए नोटिस में सीआईडी की आर्थिक अपराध शाखा ने कहा, "आपको सूचित किया जाता है कि आपको शनिवार सुबह 6 बजे आर के फंक्शन हॉल, ज्ञानपुरम, मूलसागरम, नंदयाला में गिरफ्तार कर लिया गया है...। यह एक गैर-जमानती अपराध है।"
पूर्व मुख्यमंत्री पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने और धारा 465 के तहत आरोप लगाए गए हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भी लगाया गया है।
मामले में एफआईआर 2021 में दर्ज की गई थी। पूर्व सीएम को इस मामले में आरोपी नंबर 1 के रूप में नामित किया गया है, जिसमें 250 करोड़ रुपये से अधिक का मामला शामिल है। पुलिस ने एफआईआर का विवरण और अन्य बातें चंद्रबाबू नायडू के वकीलों को बताईं, जिन्होंने कहा कि एफआईआर रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। वकीलों की बात का जवाब देते हुए पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट में सारे कागजात दाखिल किए जाने के बाद उन्हें जानकारी मिल जाएगी।
शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री मेरुगा नागार्जुन ने जनता का पैसा लूटने के आरोप में चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की मांग की थी। उसके बाद पुलिस विभाग अचानक सक्रिय हो गया और आधी रात के बाद ही पूर्व सीएम की गिरफ्तारी की कोशिश में जुट गया।
ताडेपल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री ने कहा, "कैश फॉर वोट मामले में चंद्रबाबू ने हैदराबाद में लेक व्यू गेस्ट हाउस की मरम्मत के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय पर 10 करोड़ रुपये और खर्च किए। चार्टर्ड उड़ानों के लिए 100 करोड़ रुपये और धर्म पोराटा दीक्षा पर 80 करोड़ रुपये खर्च किए गए।”
उन्होंने कहा, "हमारे मुख्यमंत्री (जगनमोहन रेड्डी) ने उनकी तरह जनता का पैसा बर्बाद नहीं किया बल्कि लोगों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर के माध्यम से 2.31 लाख करोड़ रुपये वितरित किए।"