आँध्र में विपक्ष पर बड़ी कार्रवाई, 680 नोटिस, 147 केस, 49 गिरफ्तारियाँ: रिपोर्ट
पांच महीने पहले जब टीडीपी सत्ता में आई थी तो इसने बदले की राजनीति नहीं करने का फ़ैसला किया था। लेकिन सरकार ने अब कथित तौर पर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्टों के लिए छह सौ से ज़्यादा नोटिस जारी किए हैं, बड़े पैमाने पर मुक़दमे दर्ज किए हैं और बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ़्तार किया है। वाईएसआरसीपी प्रमुख और पूर्व सीएम वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने गिरफ्तारियों की निंदा की और कहा कि टीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बदले की राजनीति में लिप्त है।
आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सरकार का दावा है कि उन्होंने टीडीपी नेताओं की पत्नियों और बेटियों के बारे में अपमानजनक सामग्री पोस्ट करके सीमा लांघी है।
आँध्र सरकार ने इन सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर ही कार्रवाई की है। अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार 6 से 12 नवंबर के बीच राज्य की पुलिस ने 680 नोटिस जारी किए, 147 मामले दर्ज किए और 49 लोगों को गिरफ्तार किया।
उनमें से अधिकांश पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, मानहानि, सार्वजनिक शरारत, आपराधिक साजिश के साथ-साथ छवियों को ख़राब करने और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने से संबंधित आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई पवन कल्याण द्वारा व्यक्त की गई नाराजगी के बीच हुई है, जिन्होंने हाल ही में गृह मंत्री पर अपना काम ठीक से न करने का आरोप लगाया था।
अख़बार ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि विभिन्न जिलों में पुलिस ने वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के सोशल मीडिया पोस्ट की छानबीन की। इनमें कथित तौर पर प्रभावशाली महिलाओं- गृह मंत्री वी अनिता, टीडीपी विधायक और अभिनेता एन बालकृष्ण की पत्नी वसुंधरा, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की पत्नी, उपमुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी के प्रमुख के पवन कल्याण की बेटियां, आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाई एस शर्मिला और उनकी मां वाई एस विजयम्मा- को निशाना बनाया गया था।
गिरफ्तारी पर कुरनूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीण ने कहा, 'रवींद्र रेड्डी कडप्पा जिले के वाईएसआरसीपी के सह-संयोजक हैं और उसके सोशल मीडिया को संभालते हैं। वह ऑनलाइन अपमानजनक सामग्री फैला रहे हैं और समुदायों के बीच अशांति पैदा कर रहे हैं।' वह दर्जनों यू-ट्यूब चैनल चलाते हैं जो महिला नेताओं को उनके खिलाफ अश्लील सामग्री के ज़रिए निशाना बनाते हैं।' ऐसे ही कई लोगों पर कार्रवाई की गई है।
टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'विपक्षी राजनीतिक नेताओं के चुटकुले या कैरिकेचर पोस्ट करना ठीक है, लेकिन उनके परिवारों की महिलाओं को निशाना बनाना और अश्लील सामग्री पोस्ट करना सीमा पार करना है। पांच महीने पहले जब टीडीपी सत्ता में आई थी, तो वरिष्ठ नेतृत्व ने बदले की राजनीति नहीं करने का फैसला किया था और इन सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं और उनके अपमानजनक पोस्ट को नजरअंदाज कर दिया था। हालांकि, सबक सीखने के बजाय, वे उग्र हो गए हैं।'
वाईएसआरसीपी प्रमुख और पूर्व सीएम वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने गिरफ्तारियों की निंदा की और कहा कि टीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बदले की राजनीति में लिप्त है। उन्होंने कहा, 'सरकार सोशल मीडिया एक्टिविस्टों को परेशान कर रही है, उन्हें अवैध हिरासत में ले रही है और धमकियां दे रही है, जो सीधे तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार पर हमला है। इन आवाजों को दबाकर सरकार लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और हर नागरिक को दिए गए बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।'