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अंधेरी ईस्ट उपचुनाव: बीजेपी ने वापस लिया अपने उम्मीदवार का नाम 

अंधेरी ईस्ट उपचुनाव: बीजेपी ने वापस लिया अपने उम्मीदवार का नाम 

महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राज्य की कुछ पार्टियों ने महाराष्ट्र की संस्कृति को देखते हुए बीजेपी से अपना उम्मीदवार इस चुनाव में खड़ा नहीं करने की अपील की थी जिसके बाद बीजेपी ने यह फैसला लिया है। 

मुंबई की अंधेरी ईस्ट सीट के उपचुनाव में आखिरकार बीजेपी ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने उम्मीदवार मुर्जी पटेल का नामांकन वापस ले लिया है। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि बीजेपी अंधेरी ईस्ट का उपचुनाव नहीं लड़ेगी। रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखकर नामांकन वापस लेने की गुजारिश की थी। 

बता दें कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी बीजेपी से इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा करने की अपील की थी।

सोमवार को उपचुनाव के लिए नाम वापसी का आखिरी दिन था। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राज्य की कुछ पार्टियों ने महाराष्ट्र की संस्कृति को देखते हुए बीजेपी से अपना उम्मीदवार इस चुनाव में खड़ा नहीं करने की अपील की थी जिसके बाद बीजेपी ने यह फैसला लिया है। 

बावनकुले ने कहा कि राज ठाकरे ने भी राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखकर इस चुनाव में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की प्रत्याशी रुतुजा लटके को निर्विरोध जिताने की अपील की थी। इसके बाद पार्टी ने अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस ले लिया। 

इससे पहले राज ठाकरे ने महाराष्ट्र की संस्कृति और दिवंगत शिवसेना विधायक रमेश लटके से निजी संबंध का हवाला दिया था। राज ठाकरे ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि महाराष्ट्र में किसी विधायक या सांसद की मौत के बाद मृतक के परिजनों को निर्विरोध जिताने का चलन है। लिहाजा रमेश लटके की पत्नी रुतुजा लटके को भी इस उपचुनाव में निर्विरोध जिताया जाए। 

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अंधेरी ईस्ट उपचुनाव के एलान के बाद बीजेपी और उद्धव ठाकरे गुट ने अपने-अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया था। राज ठाकरे ने शनिवार रात को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके निवास स्थान पर मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी थी। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी बीजेपी से इस उपचुनाव में अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेने की अपील की थी। 

राज ठाकरे ने फडणवीस को लिखी चिट्ठी में कहा था कि रमेश लटके बहुत अच्छे कार्यकर्ता थे और जब वह शाखा प्रमुख थे तो मैं उनका हालचाल लेता रहता था। उनकी राजनीति का मैं भी गवाह रहा हूं। रमेश लटके के निधन के बाद अगर उनकी पत्नी रुतुजा लटके विधायक बनती हैं तो उनकी आत्मा को सच्ची शांति मिलेगी।

राज ठाकरे ने चिट्ठी में लिखा था कि बीजेपी अंधेरी ईस्ट का उपचुनाव ना लड़े और रमेश लटके की पत्नी रुतुजा लटके को विधायक बनाने में सहायता करे। रुतुजा लटके के खिलाफ हमने भी अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारा है अगर हम सभी ऐसा करते हैं तो दिवंगत रमेश लटके को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि राज ठाकरे द्वारा की गई मार्मिक अपील के बाद ही बीजेपी ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव से अपने उम्मीदवार का नाम वापस लिया है। बीजेपी के एक बड़े नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे की तरफ से चुनाव नहीं लड़ने की मांग नहीं की गई थी, लिहाजा बीजेपी ने अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन जब दूसरी पार्टियों ने बीजेपी से इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारने की गुजारिश की तो बीजेपी ने विपक्षी पार्टियों की गुजारिश को ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस ले लिया। 

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उद्धव गुट ने किया स्वागत 

शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े का कहना है कि बीजेपी द्वारा अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस लेने के फैसले का हम स्वागत करते हैं। कृष्णा हेगड़े का कहना है कि बीजेपी अगर कुछ समय पहले ही यह फैसला ले लेती तो इतने दिनों तक उस मुद्दे पर राजनीति नहीं होती जिस पर अब हो रही है। हेगड़े ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वैसे भी इस उपचुनाव में जीत रुतुजा लटके की ही होने वाली थी लिहाजा इसको ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने इससे पहले ही संभावित हार से बचने के लिए नामांकन वापस ले लिया।  

कांग्रेस और एनसीपी ने भी बीजेपी के इस कदम का स्वागत किया है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि बीजेपी के इस फैसले का कांग्रेस स्वागत करती है। लेकिन हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि ऐसे कई मौके आए हैं जब उपचुनाव के दौरान हमने बीजेपी के उम्मीदवार के सामने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। एनसीपी प्रवक्ता महेश तपासे का कहना है कि बीजेपी को हार का डर सता रहा था। यही कारण है कि उसने राज ठाकरे को मोहरा बनाकर पेश किया और उनसे चिट्ठी लिखवाकर अपने उम्मीदवार को बैठाने की मांग की थी।

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