शरद पवार जी! अब नेहरू-गाँधी परिवार की तारीफ़ क्यों?

01:38 am Feb 24, 2019 | आशुतोष - सत्य हिन्दी

राजनीति भी अजीब होती है। कब किसको किसमें गुण दिख जाए और कब कौन किसको गाली देने लग जाए, पता ही नहीं चलता! जिस शरद पवार ने दो-दो बार कांग्रेस छोड़ी और एक समय वह कांग्रेस के ख़िलाफ़ बोलते नहीं थकते थे, अब वही शरद पवार नेहरू-गाँधी परिवार की तारीफ़ में क़सीदे पढ़ रहे हैं। 

पवार ने सोनिया गाँधी के विदेशी मूल के मुद्दे को बड़ा मुद्दा बनाया था और कांग्रेस से नाता तोड़कर 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनायी थी, अब वह उन्हीं सोनिया-राहुल के बारे में कहते हैं कि ये दोनों नेता देश की सेवा में लगे हैं और नरेंद्र मोदी को ख़ूब खरी-खोटी सुनाते हैं।

यह भी पढ़ें : मायावती की नज़र प्रधानमंत्री की कुर्सी पर, क्या वह कामयाब होंगी

पीएम बनने की है उम्मीद 

पवार देश के बहुत सीनियर नेता हैं। वह कभी प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे। आज भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि 2019 में उनकी क़िस्मत खुल सकती है। वह एक बार फिर से प्रधानमंत्री की रेस में शामिल हैं। शरद पवार का कहना है कि नेहरू-गाँधी परिवार ने देश की बहुत सेवा की है और देश के लिए काफ़ी बलिदान किया है। 

पवार के मुताबिक़, कई जान गँवाने के बाद भी इस परिवार ने देश सेवा का काम नहीं छोड़ा है। शरद पवार का इशारा इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी की तरफ़ है। दोनों नेताओं की हत्या आतंकवादियों ने की थी। इंदिरा गाँधी की हत्या सिख आतंकवादियों ने की तो राजीव गाँधी तमिल आतंकवाद का शिकार हुए। 

शरद पवार कभी कांग्रेस पार्टी में थे। इंदिरा गाँधी के जमाने में। फिर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने पार्टी तोड़ी। पवार कहते हैं कि इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी लगायी। उन्होंने लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश की पर उन्हें अपनी ग़लती का अहसास हुआ। जनता से माफ़ी माँगी और दुबारा प्रधानमंत्री बनीं।

हाल में तीन राज्यों में कांग्रेस ने बीजेपी को हराया है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी साथ चुनाव लड़ने को तैयार हैं। ऐसे में पवार को लगता है कि 1996 में देवेगौड़ा की तरह उनके भाग्य का भी छींका टूट सकता है।

मोदी की करते हैं आलोचना 

पवार का कहना है कि इंदिरा गाँधी ग़रीबों के हित में सोचने वाली नेता थीं। आज देश को ऐसे प्रधानमंत्री की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री किसी पार्टी का नहीं होता। वह देश का होता है। फिर पवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बग़ैर उनकी तीखी आलोचना करते हैं। 

पवार, मोदी के बारे में कहते हैं कि पहले जब प्रधानमंत्री विदेश जाते थे तो वह देश की बात करते थे। किसी गुट या पार्टी का ज़िक्र नहीं करते थे। आज के प्रधानमंत्री विदेश जाते हैं तो इंदिरा गाँधी और जवाहरलाल नेहरू का ज़िक्र करते हैं। मोदी लगातार इंदिरा गाँधी और नेहरू की विरासत को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। देश हो या विदेश उनके योगदान की खिल्ली उड़ाने से नहीं चूकते। पवार इसी ओर इशारा कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : सपा-बसपा गठबंधन से क्या मायावती बन पाएँगी प्रधानमंत्री

पवार ने मोदी और बीजेपी का नाम लिए बग़ैर कहा कि इन लोगों ने किया क्या है नेहरू जी आज़ादी की लड़ाई में 13 साल तक जेल में रहे। पवार कहते हैं, नेहरू ने देश के आज़ाद होने के बाद 13-14 साल तक प्रधानमंत्री के तौर पर काम किया और विदेशों में देश का नाम रोशन किया। 

नेहरू के बाद इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी ने देश के लिए त्याग किया। गाँधी परिवार के सदस्यों को गोलियाँ मारी गयीं पर इस परिवार ने देश सेवा का काम नहीं छोड़ा है। अब नई पीढ़ी आ गयी है। यह पीढ़ी भी उनके काम को आगे बढ़ा रही है। 

मोदी जी, आपने क्या किया

एनसीपी प्रमुख कहते हैं कि राजनीति में एक-दूसरे पर टीका-टिप्पणी की जाती है। फिर वह मोदी की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि आज कहा जाता है कि गाँधी परिवार ने कुछ किया ही नहीं। पवार गुस्से में कहते हैं कि मोदी जी आप ने क्या किया है अगर कुछ किया है तो बताओ। कुछ तो दिखाओ।

यह भी पढ़ें : राहुल को पहले से पीएम उम्मीदवार नहीं प्रोजेक्ट करेगी कांग्रेस

बढ़ रहा है कांग्रेस का ग्राफ़ 

अब यह काफ़ी साफ़ हो चला है कि 2019 में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने वाला। 1996, 1998, 1999 और 2004 की ही तरह गठबंधन की सरकार बनने के आसार हैं। तीन हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस ने बीजेपी को हराया है। कांग्रेस का ग्राफ़ लगातार बढ़ रहा है। 

यह भी पढ़ें : मोदी और राहुल की नक़ली लड़ाई, असली अभी बाक़ी है

महाराष्ट्र में कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी एक साथ चुनाव लड़ने को तैयार हैं। सीटों का बँटवारा हो रहा है। ऐसे में पवार को लगता है कि 1996 में देवेगौड़ा की तरह उनके भाग्य का भी छींका टूट सकता है। वह भी प्रधानमंत्री बन सकते हैं। लिहाज़ा उनके मुँह से नेहरू गाँधी परिवार के लिए फूल झड़ रहे हैं और मोदी को कोस रहे हैं। राजनीति में कुछ भी अकारण नहीं होता।