पुलिस की कार्रवाई पूरे सिख समुदाय पर हमला, सरबत खालसा बुलाएँ: अमृतपाल
पंजाब में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के आत्मसमर्पण किए जाने के कयासों के बीच ही अब उसने अब एक वीडियो जारी कर सिख समुदाय को संबोधित किया है। 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख ने बुधवार को एक लाइव वीडियो जारी कर कहा कि उसके खिलाफ सरकार की कार्रवाई 'उसकी गिरफ्तारी नहीं बल्कि सिख समुदाय पर हमला है।' उसने सरबत खालसा का आह्वान किया है। सरबत खालसा पंथक संकट को हल करने के लिए विभिन्न सिख संगठनों की बुलाई हुई सभा को कहा जाता है।
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में अमृतपाल को यह कहते सुना जा सकता है कि अगर सरकार उसे गिरफ्तार करना चाहती तो घर से ही गिरफ्तार कर सकती थी। यह कहते हुए कि कोई उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता, अमृतपाल ने कहा कि उसे गिरफ्तार होने का डर नहीं है।
उसने आगे कहा कि उसने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से अनुरोध किया है कि बैशाखी के अवसर पर तलवंडी साबो में सरबत खालसा आयोजित करें ताकि 'लोगों के मन में सरकार द्वारा पैदा किए गए डर को दूर किया जा सके।'
हालाँकि अमृतपाल ने वीडियो में अलग राज्य या खालिस्तान का कोई ज़िक्र नहीं किया। लेकिन वह कई मौक़ों पर सिखों के लिए एक अलग देश के आह्वान का समर्थन करता रहा है। पिछले महीने एक पुलिस स्टेशन पर सशस्त्र हमले के लिए वह वांछित है। कहा जाता है कि वह होशियारपुर के गांवों से होते हुए अमृतसर की यात्रा कर रहा था। जब पंजाब पुलिस को इस बारे में सूचना मिली तो पुलिस ने उसे और उसके साथियों को पकड़ने के लिए मंगलवार की रात को होशियारपुर और आसपास के गांवों में घर-घर तलाशी अभियान चलाया।
इससे पहले दिन में कई मीडिया रिपोर्टों में पुलिस सूत्रों ने बताया था कि अमृतपाल उत्तराखंड से राज्य लौटा है और रोपड़ में आनंदपुर साहिब गया है। पुलिस ने एक वाहन भी बरामद किया है, जिस पर उसके द्वारा इस्तेमाल किए जाने का संदेह है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि इस बीच अमृतपाल के वहाँ पहुंचने और आत्मसमर्पण करने की कोशिश करने की अफवाहों के बीच स्वर्ण मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। तलवंडी साबो में दमदमा साहिब में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहाँ अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह मौजूद हैं।
इससे पहले जब अमृतपाल सिंह के सरेंडर करने के कयास लगाए गए तो अमृतसर में गोल्डन टेंपल के आसपास पुलिस ने फ्लैग मार्च किया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अमृतपाल सिंह दिल्ली से लौटकर वापस पंजाब आया और कल मंगलवार शाम को उसे होशियारपुर में एक सफेद इनोवा गाड़ी में देखा गया। जब पुलिस उसका पीछा करने लगी तो वो मेहतियाना गांव में एक गुरुद्वारे के बाहर उस वाहन को छोड़कर भाग गया। पुलिस ने पूरे होशियारपुर जिले की सीमा को सील कर दिया है और सैकड़ों पुलिस वालों को उसकी खोज में लगाया गया है। पुलिस की कोशिश है कि वो अमृतसर की तरफ नहीं भाग पाए।
कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कुछ सिख संगठन उसका सरेंडर कराना चाह रहे हैं और वो पुलिस से बात कर रहे हैं। लेकिन अभी तक पंजाब पुलिस का अधिकृत बयान यही है कि अमृतपाल की तलाश जारी है। पीटीआई के मुताबिक होशियारपुर के मरनियां गांव में और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात है। यहां सघन तलाशी अभियान चलाया गया। हालांकि द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमृतपाल सरेंडर करने से पहले किसी टीवी चैनल को इंटरव्यू देना चाहते हैं। इस समय होशियारपुर जिले में टीवी चैनलों की ओवी वैन पहुंची हुई है।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह इस समय अमृतसर के बाहर हैं। समझा जाता है कि वो तख्त दमदमा साहिब में मौजूद हैं। लेकिन वहां की गतिविधियों की सूचना फिलहाल नहीं है। अमृतसर के एसएसपी नौनिहाल सिंह का कहना है कि उनके पास अमृतसर में अमृतपाल सिंह के सरेंडर की कोई सूचना नहीं है। बठिंडा के तलवंडी साबो में सुरक्षा बढ़ाई गई है।
इससे पहले पंजाब पुलिस ने बताया था कि पुलिस बल एक सफेद रंग की इनोवा कार का पीछा कर रही थी, जो फगवाड़ा से होशियारपुर आ रही थी। पुलिस को शक था कि इसमें अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी हो सकते हैं। होशियारपुर जिले में एक गुरुद्वारे में रुकने से पहले कार एक पुलिस चेकपोस्ट से आगे निकल गई।
होशियारपुर की सीआईडी यूनिट के मुताबिक आरोपी कार को गुरुद्वारे के पास छोड़कर भाग गए। पापलप्रीत सिंह के अलावा अमृतपाल सिंह का एक और सहयोगी उसके साथ भागने में सफल रहा।
हालांकि पुलिस ने तलाशी अभियान में उसके दो साथियों को हिरासत में लिया है।हिरासत में लिए गए दोनों व्यक्ति इनोवा कार के पीछे थे। दोनों मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं, लेकिन पुलिस के अनुसार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रह रहे थे।
पंजाब पुलिस ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। समाचार लिखे जाने तक तलाशी अभियान जारी था। अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के बाद से उसकी कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को 21 मार्च को पूर्वी दिल्ली के मधु विहार में टहलते हुए नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया था। वह पगड़ी के बिना देखा गया था।अमृतपाल सिंह और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई 18 मार्च को शुरू हुई थी। उसके कुछ हफ्ते पहले उसने और उसके समर्थकों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई के लिए अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था।
पंजाब पुलिस ने उसके कई साथियों को वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास और हमले करने जैसे आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया है। उनमें से कुछ के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया है। इस बीच, भारत के अनुरोध पर नेपाल ने सोमवार को भगोड़े अमृतपाल सिंह को अपनी निगरानी सूची में डाल दिया था, क्योंकि अमृतपाल के नेपाल भागने की खबरें आई थीं।