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मराठी परिवार के लिए भगवान बने सीएम शिंदे, बुक कराई एयर एंबुलेंस

मराठी परिवार के लिए भगवान बने सीएम शिंदे, बुक कराई एयर एंबुलेंस

पटना में रहने वाले अमोल जाधव के मराठी परिवार की मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मदद कैसे की?

एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दरियादिली देखने को मिली है। बिहार के पटना में रहने वाले मराठी परिवार के लिए एकनाथ शिंदे किसी दैवीय शक्ति की तरह नजर आए। दरअसल शनिवार को रात दो बजे के करीब सतारा जिले के रहने वाले अमोल जाधव अपने परिवार के साथ पटना स्थित घर में सोए हुए थे तभी अचानक घर में रखे गैस सिलेंडर में आग लग गई और धमाका हो गया। 

इस धमाके में अमोल जाधव का बेटा और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को फौरन ही पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन सही इलाज नहीं मिलने के चलते अमोल जाधव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से संपर्क किया। 

एकनाथ शिंदे ने रविवार को अमोल के बेटे और बेटी को पटना से पुणे लाने के लिए दो स्पेशल एयर एंबुलेंस का इंतजाम खुद के पैसों से किया। फिलहाल दोनों का पुणे के सूर्या सहयाद्री अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

महाराष्ट्र के सतारा जिले के रहने वाले अमोल जाधव और उनके परिवार पर शनिवार की देर रात उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनके घर में रखे गैस सिलेंडर में आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि सिलेंडर में धमाका हो गया। इस धमाके में अमोल का बेटा और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए। अमोल और उनके परिवार के सभी लोगों को पड़ोसियों ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन सही इलाज नहीं होने के चलते अमोल ने शिवसेना के विधायक अनिल बाबर के जरिये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से संपर्क साधा। 

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जैसे ही शिंदे को घटना के बारे में जानकारी मिली उन्होंने अपनी मेडिकल टीम के प्रमुख मंगेश चिवटे को हालात पर नजर रखने के लिए कहा।

शिवसेना मेडिकल सेल के प्रमुख मंगेश चिवटे देर रात तक लगातार अमोल और उनके परिवार के लोगों की हालत पर नजर बनाए रखे रहे। इस बीच चिवटे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अमोल के बेटे और बेटी को पटना में सही इलाज नहीं मिलने की बात बताई और पटना से मुंबई लाने का अनुरोध किया। 

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लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह था कि हवाई यात्रा के जरिए अमोल के बेटे और बेटी को महाराष्ट्र लाना काफी महंगा था क्योंकि एयर एंबुलेंस का किराया लाखों रुपए में था। अमोल के बेटे और बेटी की जिंदगी की उम्मीदें धूमिल होती जा रही थी। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से संपर्क साधा और उनसे सरकारी एयर एंबुलेंस मुहैया कराने की मांग की, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि तत्काल एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकती। 

इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने खर्चे से फौरन ही दो एयर एंबुलेंस बुक करा दीं। 

पहली एयर एंबुलेंस में अमोल का 11 साल का बेटा करीब 6 बजे सुबह पुणे के एयरपोर्ट पर पहुंचा और उसे तत्काल ही पुणे के सूर्या सहयाद्री अस्पताल में भर्ती करा दिया गया जहां डॉक्टरों की टीम तैयार थी। रविवार को ही सुबह 11 बजे एक दूसरा विशेष एयर एंबुलेंस विमान अमोल की बेटी को लेकर पुणे एयरपोर्ट पहुंचा जिसके बाद उसे भी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।

शिवसेना मेडिकल सेल के प्रमुख मंगेश चिवटे ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पूरी रात भर जगे रहे। चिवटे का कहना है कि अगर समय पर अमोल के बेटे और बेटी को मदद नहीं मिलती तो शायद बहुत देर हो जाती।

रविवार को पुणे के एयरपोर्ट पर जब अमोल का बेटा और बेटी स्पेशल एयर एंबुलेंस के जरिए पहुंचे तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। अमोल ने कहा कि मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुख्यमंत्री खुद सामने आकर मेरी मदद करेंगे लेकिन एकनाथ शिंदे साहब ने मेरी उस समय मदद की जब मैं चारों तरफ से उम्मीद खो चुका था। 

बता दें कि एकनाथ शिंदे ठाणे के कोपरी से विधायक हैं और हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है। शिंदे अपने इलाके में सेवा भाव के लिए जाने जाते हैं। यही कारण है कि जब भी एकनाथ शिंदे अपने ठाणे के दफ्तर में मौजूद होते हैं तो हजारों की संख्या में लोग आज भी उनके पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं।

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