अमित शाह का अचानक एमपी दौरा, राज्य में 'नो चेंज' के संकेत
मध्य प्रदेश में नवंबर में विधानसभा के चुनाव संभावित है। लेकिन सूबे में पार्टी की हालत खस्ता होने की सूचनाओं ने केन्द्रीय नेतृत्व की चिंता बढ़ा रखी है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री से लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश को भरपूर वक्त दे रहे हैं। बार-बार मध्य प्रदेश आ रहे हैं। हालांकि मंगलवार को अमित शाह का भोपाल दौरा अचानक हुआ। उनके ‘औचक दौरे’ की सूचना आने के बाद से ही राज्य भाजपा में सियासी पारा गरमा गया था। राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात करने वालों की मंगलवार की सूची स्टाफ के हाथों में पहुंची और इसकी भनक लगी तो मीडिया वाले सक्रिय हो गए।
दरअसल, अमित शाह रात आठ बजे के लगभग भोपाल पहुंचने वाले थे, उधर उनके आगमन के ठीक पहले शाम को सिंधिया का राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मिलने का कार्यक्रम, प्रदेश में बदलाव की संभावनाओं से जोड़ लिया गया। भोपाल से लेकर दिल्ली तक पूरे दिन चलता रहा, ‘मध्य प्रदेश में कुछ बड़ा होने जा रहा है। सिंधिया को सत्ता की बागडोर मिलने की चर्चाएं भी सरगर्म हो गईं।’ बहरहाल शिवराज सिंह चौहान खेमे में अब जान पड़ गई है।
अमित शाह, शाम को भोपाल आये। पार्टी दफ्तर में उन्होंने राज्य भाजपा के 15 बड़े लीडरों की बैठक ली। बैठक करीब तीन घंटे चली। बैठक में मध्य प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव और सह चुनाव प्रभारी अश्विनी वैष्णव, केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल एवं फग्गन सिंह कुलस्ते, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारीगण और कोर कमेटी के राज्य के नेता बैठक में शामिल हुए।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, ‘केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने आपसी झगड़े समाप्त कर मुस्तैदी से 2023 के चुनाव की जीत के लिए जुट जाने की दो टूक सलाह दी। सत्ता अथवा संगठन में बदलाव पर किसी भी तरह की चर्चा होने की खबरों को सूत्रों ने नकारा। सूत्रों ने बताया सूबे की कुल 230 में से 200 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य बड़े नेताओं के सामने रखते हुए शाह ने जीत के लिए चाक-चौबंद प्लानिंग और उसके एग्जीक्यूशन के टिप्स दिए।’
सूत्रों ने यह भी बताया कि, ‘पार्टी के खेवनहार अमित शाह ने यह भी साफ कर दिया कि मध्य प्रदेश में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है। मौजूदा स्थिति में ही चुनाव लड़ना और जीतना है।’ मध्य प्रदेश में पुनः ‘कमल’ खिलाने से जुड़ा ब्ल्यू प्रिंट शाह साथ लेकर आये थे। तमाम गुरूमंत्रों के साथ ही राज्य में ‘विजय संकल्प अभियान’ छेड़ने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
7 क्षेत्रों में बांटा, जिम्मेदारी तय कीः मध्य प्रदेश को सात रीजन में बांटकर शाह ने प्रभावी चेहरों को जिम्मेदारियां देने की योजना सामने रख दी। सूबे के निमाड़, मालवा, विंध्य, महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और भोपाल-नर्मदापुरम के हिस्सों के लिए प्रभारियों की टारगेट के साथ नियुक्ति के और प्रत्येक रीजन के लिए पूरी टीम तथा प्रवक्ताओं को नियुक्त करने के निर्देश भी दिए।