गैंगस्टर्स के सामने बेबस क्यों हैं अमित शाह?
- उत्तर पश्चिम दिल्ली में 38 साल के डिलीवरी पार्टनर की हत्या
- रोहिणी के प्रशांत विहार में युवक की हत्या
- पूर्वी दिल्ली में गीता कॉलोनी के पास युवक की लाश मिली। गला काटकर हत्या।
- उत्तर-पूर्व दिल्ली में पुलिसकर्मी को चाकुओं से गोदकर जान लेने की कोशिश।
- नारायणा में कार शो रूम पर फायरिंग
- महिपालपुर में देर रात गोलियां चलीं
- नांगलोई में राशन की दुकान पर फायरिंग
- रोहिणी स्थित प्रशांत विहार में पीवीआर के पास धमाका
बीते पांच दिनों की ये वो घटनाएं हैं जो सुर्खियां बनीं। इन घटनाओं में ही पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लिक्विड अटैक को भी आप जोड़ सकते हैं। हत्या, लूट, अपहरण, उगाही जैसी लगातार घट रही घटनाओं ने दिल्ली को असुरक्षित बना दिया है। दिल्ली में बीते एक साल में उगाही के 144 मामले दर्ज हुए हैं तो मर्डर के 308 मामले। 1034 मामले लूट और अपहरण के हैं। इसके अलावा 1342 मामले बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत मामले दर्ज हुए हैं।
सवालों के घेरे में अमित शाह
अपराध की दर और महिलाओं, बच्चे व बुजुर्गों के साथ अपराध के मामले में दिल्ली अव्वल है। अब ये मुद्दा चुनावी मुद्दा होने जा रहा है। खास तौर से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लिक्विड अटैक के बाद पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने की ठान ली है। केजरीवाल को सियासी रूप में यह मुद्दा इसलिए भी भा रहा है क्योंकि दिल्ली की कानून व्यवस्था सीधे तौर से केंद्रीय गृहमंत्रालय से जुड़ी है। लिहाजा सवाल सीधे गृहमंत्री अमित शाह से किए जा सकते हैं।
दिल्ली की विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने बीते हफ्ते अमित शाह पर कानून-व्यवस्था को लेकर जोरदार हमला बोला था। तथ्यों के साथ यह इंगित किया था कि अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद से दिल्ली में अपराध की घटनाएं बेतहाशा बढ़ी हैं और यहां तक कि दिल्ली में सड़क पर चलना भी सुरक्षित नहीं रह गया है। अब पूरे देश का ध्यान दिल्ली में अपराध की घटनाओं पर है और हर एक घटना पर चर्चा बनने लगी है। अरविंद केजरीवाल की सियासत यहीं कामयाब होती दिख रही है।
बेचैन बीजेपी खेमा और खासतौर से अमित शाह ने केजरीवाल के हमले की काट खोजने की कोशिश की है। इसी कोशिश के तहत नरेश बालियान की गिरफ्तारी हुई। नरेश बालियान और कपिल सांगवान उर्फ नंदू के बीच बातचीत के ऑडियो के आधार पर गिरफ्तारी हुई। मगर, अगले ही दिन अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर अमित शाह के बनाए गुब्बारे की हवा निकाल दी कि वास्तव में नरेश बालियान ही पीड़ित हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान ने दिल्ली पुलिस को पांच बार चिट्ठियां लिखी थीं और यह बताया था कि उस पर उगाही के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गैंगस्टर को पकड़ने की हिम्मत अमित शाह और उनकी पुलिस को नहीं है इसलिए वे शिकायतकर्ता आप नेता को ही जेल में डाल रहे हैं।
दरअसल, दिल्ली में संगठित अपराध तेजी से बढ़े हैं। राजनीति और अपराध का गठजोड़ भी जगजाहिर है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने तो देश ही नहीं देश के बाहर भी अपराध का जाल बना रखा है। गुजरात की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का नाम सलमान खान को धमकी देने से लेकर एनसीपी नेता की हत्या तक में शामिल रहा। वास्तव में देखा जाए तो दिल्ली का तिहाड़ जेल अपराधियों के लिए सुरक्षित अड्डा बन चुका है। गैंगस्टर जेल में बंद रहकर गैंग चला रहे हैं। जेल से ही धमकी के कॉल आते हैं। यह सब प्रशासन की मिलीभगत के बगैर हो ही नहीं सकता। अरविंद केजरीवाल यही कह रहे हैं कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास दिल्ली की कानून-व्यवस्था है। लेकिन, वो ये एक काम भी नहीं कर पा रहे हैं।
दिल्ली में सक्रिय गैंग
लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बरार गैंग : वांछित अपराधियों में टॉप पर है यह गैंग और इसके सदस्य। सिद्धू मूसेवाला की पंजाब में 2022 में हत्या के बाद यह गैंग फला-फूला। इसी गैंग के सदस्य रोहित गोदारा ने करणी सेना के प्रमुख सुखदेव गोगामेडी की जयपुर में बीते वर्ष हत्या की बात कबूली। सलमान खान को धमकी और एनसीपी नेता की हत्या के मामले में भी इस गैंग की खूब चर्चा रही।
हिमांशु भाऊ गैंग : हरियाणा के रोहतक से जुड़ा 22 वर्षीय हिमांशु भाऊ स्पेन या पुर्तगाल में रहकर गैंग चलाता है। 50 से ज्यादा हत्या, हत्या की कोशिश, उगाही की धमकी और आर्म्स एक्ट के तहत मामले पंजाब और हरियाणा में दर्ज हैं। मई महीने में तिलक नगर के शो रूम में गोली चलाने के मामले में उसके तीन गुर्गे शामिल थे। पश्चिम दिल्ली के राजौरी गार्डन के बर्गर किंग चौक पर हुई हत्या में भी इसी गैंग का हाथ था।
कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग : हरियाणा और दिल्ली पुलिस में वांछित 32 वर्षीय कपिल सांगवान उर्फ नंदू इस गैंग का सरगना है। माना जाता है कि वह इंग्लैंड में रहता है। हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख नफे सिंह राठी की हत्या का संदेह इसी गिरोह पर है। कपिल सांगवान का बड़ा भाई ज्योति सांगवान उर्फ बाबा तिहाड़ जेल में बंद है।
कपिल सांगवान गैंग ने ही आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान से उगाही के कॉल किए। दिल्ली पुलिस ने नरेश बालियान को भी इस मामले में गिरफ्तार किया है।
मंजीत महल गैंग : अनूप-बलराज गैंग के गुर्गे मंजीत महल पर कथित तौर पर गैंगस्टर टर्न्ड पॉलिटिशियन किशन पहलवान के सहयोगियों की हत्या का आरोप है। दक्षिण पश्चिम दिल्ली के मितरौं गांव का निवासी मंजीत 1990 और 2000 के दशक में अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा। इनेलो नेता भरत सिंह भर्ते की 2016 में हुई हत्या के मामले में उसका नाम सुर्खियों में आया था। तिहाड़ जेल में वह बंद है लेकिन उसके सहयोगी सक्रिय हैं जो सांगवान भाइयों के गैंग से दुश्मनी रखते हैं।
जितेंद्र गोगी-संपत नेहरा गैंग : जितेंद्र मान उर्फ गोगी की 2021 में रोहिणी कोर्ट के भीतर उसके विरोधियों ने हत्या कर दी थी। उसके बाद संपत नेहरा ने गैंग को संभाला। सब इंस्पेक्टर का बेटा और स्कूली दिनों में खिलाड़ी रहा नेहरा की ताक़त युवा और किशोर हैं जो उसके गैंग में रिक्रूट हुए हैं। अभी वह पंजाब की जेल में है।
कौशल गैंग : लॉरेंस बिश्नोई गैंग का स्पर्धी कौशल चौधरी का नाम मोहाली में राजनीतिज्ञ विक्की मिद्दुखेरा की हत्या से जुड़ा है। वह पंजाब की जेल में बंद है और दर्जनों मामले में दिल्ली और पंजाब की पुलिस को उसकी तलाश है। हत्या और उगाही के उस पर आरोप हैं।
नीरज फरीदपुरिया गैंग : फरीदाबाद में जून 2019 में कांग्रेस नेता विकास चौधरी की हत्या के मामले में वह वांछित है। कारोबारियों और आढ़तियों से उगाही के लिए नीरज फरीदपुरिया और उसके साथी कुख्यात हैं। नीरज फरीदाबाद का रहने वाला है और उस पर उगाही के कई मामले दर्ज हैं।
नीरज बवाना गैंग : गैंगस्टर नीरज बवाना तिहाड़ जेल में बंद है। माना जाता है कि वहीं से वह दिल्ली और हरियाणा के कारोबारियों को कॉल कर रकम की डिमांड करता है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे अप्रैल 2015 में गिरफ्तार किया था।
सुनील टीलू गैंग : सुनील मान उर्फ टीलू ताजपुरिया की हत्या उसके प्रतिद्वंद्वी गोगी गैंग ने तिहाड़ जेल में कर दी थी। यह मई 2023 की बात है। उसके गैंग के सदस्य बदला लेने के लिए अवसर की तलाश में हैं।
हाशिम बाबा गैंग : हाशिम बाबा जेल में रहकर ही घटना को अंजाम देता है। दिल्ली के जीडीपी अस्पताल में शूटिंग के पीछे उसका ही हाथ बताया गया है। उस पर 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें हत्या और हत्या की कोशिशें शामिल हैं। गैंग बनाने से पहले हाशिम बाबा नासिर गैंग का शार्प शूटर था जो यमुना पार इलाकों में सक्रिय था।
इरफान उर्फ छेनू गैंग : नासिर-इरफान गैंग ट्रांस यमुना इलाके में जुआ के खेल में सुप्रीमेसी के लिए संघर्ष करते रहे हैं।
दिल्ली में ऐसे कई और गैंग भी सक्रिय हैं। सवाल ये है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और खुफिया विभाग इन गैंग की कारस्तानियों पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रहा है? दिल्ली पुलिस क्यों इन गैंगस्टर्स पर कार्रवाई करने में नाकाम है? क्या ये गैंग राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हैं? क्या इसीलिए इन पर एक्शन लेना संभव नहीं हो पा रहा है? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये गैंगस्टर्स सरकार की ताकत से भी बड़े हो गये हैं?
अरविंद केजरीवाल दिल्ली में कानून व्यवस्था को ही मुद्दा बना रहे हैं। खुद पर हुए हमले को भी वे आवाज़ बंद करने की कोशिश बताते हुए जनता की सहानुभूति बटोर रहे हैं।
केजरीवाल का कहना है कि अपराधियों को खामोश करने के बजाए अपराध के खिलाफ बोलने वालों को खामोश करने की रणनीति अपनाई जा रही है। अरविंद केजरीवाल की ऐसी जनसरोकार वाली नैरेटिव के सामने बीजेपी जब तक कोई मजबूत नैरेटिव खड़ा नहीं करती, उसके लिए राजनीतिक मुश्किलें बढ़ गई हैं। सवाल यही है कि गैंगस्टर्स क्या अमित शाह से भी बड़े और ताकतवर हैं?