3 अगस्त को हाई कोर्ट का फ़ैसला आने तक ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे नहीं
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में अपना फ़ैसला एक हफ़्ते बाद सुनाएगा। इसने कहा है कि 3 अगस्त को हाई कोर्ट का फ़ैसला आने तक मस्जिद में कोई सर्वेक्षण नहीं होगा। गुरुवार को अदालत ने अपना फ़ैसला 3 अगस्त तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में अगले गुरुवार तक एएसआई सर्वेक्षण पर रोक रहेगी। उस दिन हाई कोर्ट वाराणसी जिला न्यायाधीश के ज्ञानवापी मस्जिद के 21 जुलाई के एएसआई सर्वेक्षण आदेश को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की चुनौती पर अपना आदेश सुनाएगा।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।
बता दें कि अंजुमन मस्जिद समिति ने बुधवार को उच्च न्यायालय में वाराणसी न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें एएसआई को मस्जिद परिसर (वुजुखाना को छोड़कर) का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। यह आदेश 4 हिंदू महिला उपासकों द्वारा दायर एक आवेदन पर पारित किया गया, जो मस्जिद परिसर के अंदर पूजा करने के लिए साल भर की पहुंच की मांग करते हुए जिला न्यायालय के समक्ष दायर एक मुकदमे में पक्षकार हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को एएसआई सर्वेक्षण पर 26 जुलाई शाम 5 बजे तक रोक लगा दी थी ताकि मस्जिद समिति को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कुछ वक़्त मिल सके। हाईकोर्ट ने इस रोक को बुधवार को गुरुवार तक बढ़ा दिया था।
बुधवार को अंजुमन समिति ने उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई कभी भी मुकदमे में पक्षकार नहीं था या वाराणसी न्यायालय ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया और इसके बावजूद जिला न्यायाधीश ने उसे मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया।
बता दें कि वाराणसी के कोर्ट ने 21 जुलाई को इसको लेकर हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल याचिका पर फैसला दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे होगा। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे कराने के लिए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मस्जिद के वजूखाना को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई द्वारा सर्वे होगा। मस्जिद परिसर के वजूखाने में एक संरचना मिली थी, जिसको लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा होने का दावा किया था। हिन्दू पक्ष का मानना है कि मस्जिद परिसर का एएसआई द्वारा सर्वे होने से कई नए तथ्य सामने आएंगे।
वाराणसी कोर्ट के फ़ैसले के बाद एएसआई की टीम ने 24 जुलाई को सर्वे शुरू भी कर दिया था। लेकिन इस बीच मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सर्वे पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में सुनवाई होने तक सर्वे पर रोक लगा दी थी।