रविवार रात ठीक नौ बजे लोगों ने अपने घरों की तमाम बत्तियाँ बुझा दीं और दीये या मोमबत्तियाँ जला कर बालकनी में आ गए। लोगों ने टेरेस, बालकनी और छत पर तो दीये जलाए ही, सड़कों पर भी अपने घरों के बाहर दीये जलाते हुए देखे गए।
सोशल डिस्टैंसिंग नहीं!
कई जगहों पर सोशल डिस्टैंसिंग का ख्याल नहीं रखा गया। लोग सड़कों पर निकले, एक दूसरे के नजदीक ही खड़े होकर दीये जलाए। कई जगहों पर लोगों ने सड़कों पर निकल कर 'जय श्री राम' के नारे भी लगाए, शंख फूंके। कई जगह आतिशबाजी की गई।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी दीये जलाए और बत्तिया बुझा दीं। गृह मंत्री अमित शाह ने भी बत्तियाँ बुझा कर दीए जलाए। उन्होंने ट्वीट किया, 'उम्मीद की एक किरण और आस्था सबसे अंधेरे समय को भी उजालों से भर सकते हैं।'
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित कई बीजेपी नेताओं ने दीप जलाए। दक्षिण भारत मे भी प्रधानमंत्री की अपील का असर दिखा। वहाँ भी लोगों ने बत्तियाँ बुझा दीं और दीए जला लिए। केरल के तिरुवनंतपुरम, आंध्र प्रदेश के बड़े इलाक़े, कर्नाटक में अंधेरा दिखा, लोगों ने दीए जला कर उसे दूर करने की कोशिश की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास की बत्तियाँ बुझा कर दीये जला लिए। उन्होंने ट्वीट भी किया और प्रधानमंत्री के साथ एकजुटता जताई।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीए जलाए और संस्कृत का एक श्लोक उद्धृत किया। मोदी ने ट्वीट किया, 'दीए की रोशनी को नमस्कार! यह शुभ समय, स्वास्थ्य और समृद्धि लाता है, यह विद्वेष ख़त्म करता है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में देश की एकजुटता दिखाने के लिए ऐसा करने की अपील की थी।
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा था कि रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सारी बत्तियाँ बुझा दी जाएँ और दीये या मोमबत्तियाँ जलाई जाएँ।