अखिलेश का भाजपा, योगी और ओबीसी मुद्दे पर सीधा हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को ओबीसी बताकर लोगों को ''गुमराह'' कर रहे हैं। वो जिस तेली जाति से हैं, उसे गुजरात सरकार ने सन् 2000 में उसे ओबीसी सूची में डाला। उसी मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को वाराणसी में कहा- राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में जो कहा, मैं कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं लेकिन इतना कहूंगा कि बहुत से लोग केवल प्रमाण पत्र से ओबीसी हैं, जन्म से नहीं। अखिलेश ने एक तरह से राहुल की बात को आगे बढ़ाया।
अखिलेश ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिए गए बयान पर कहा कि सीएम संविधान से बंधे और बने हैं, उन्हें कोई ऐसी बात नहीं करना चाहिए जो संविधान के खिलाफ हो। संविधान हमें अधिकार देता है. सरकार चालाकी करती है...क्या हम किसी का अधिकार छीन सकते हैं? क्या इसका मतलब यह है कि हमारे अधिकार छीन लिए जाएंगे? संविधान हमें अपनी बात रखने का अधिकार देता है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में अदालत न्याय करेगी...।"
आरएलडी प्रमुख के भाजपा से हाथ मिलाने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि जयंत परिपक्व नेता हैं। उन्हें राजनीति का पता है। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि बीजेपी जानती हैं किसको ईडी से डराना हैं कैसे सीबीआई से... कौरव कौन हैं.. पांडव कौन जल्द पता चलेगा। हम लोगों ने महाभारत पढ़ी है कौरवों की संख्या ज्यादा है, बीजेपी भी देश की सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा जानती है, किस दल को कैसे तोड़ना है और किस नेता को खरीदना है? ऐसे ही दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी नहीं बनी। उन्होंने कहा कौरवों के पास भी सबसे बड़ी सेना थी लेकिन जीत उसी की होती है जो सच्चाई के साथ होता है।
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जो लोग सत्ता में बैठे हैं वो बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी के संविधान के तहत नहीं काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें संविधान से ही चलना होगा।
-अखिलेश यादव, सपा प्रमुख, वाराणसी में, 8 फरवरी 2024 सोर्सः पीटीआई
इस बीच राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता पीएम मोदी द्वारा अपने लोकसभा और राज्यसभा भाषणों में कही गई बातों को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। अपने लोकसभा भाषण में, पीएम मोदी ने खुद को 'सबसे बड़ा ओबीसी' कहा था और कांग्रेस पर पिछड़े समुदायों के नेताओं के साथ व्यवहार करते समय दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया।
मोदी ने कहा था- 'कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार ने ओबीसी को न्याय नहीं दिया। कुछ दिन पहले, कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 1970 में, जब वह बिहार के सीएम बने, तो उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए क्या नहीं किया गया? ...वे गिनती करते रहते हैं कि सरकार में कितने ओबीसी हैं। क्या आप (कांग्रेस) यहां (खुद की ओर इशारा करते हुए) सबसे बड़ा ओबीसी नहीं देख सकते?" पीएम मोदी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 'धन्यवाद प्रस्ताव' के जवाब में यह बात कही थी।