बसपा के साथ गठबंधन पर पिता मुलायम सिंह यादव की नाराज़गी को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। अखिलेश का कहना है कि मुलायम सिंह यादव को रिकॉर्ड वोटों से लोकसभा चुनाव जिताने के लिए ही उन्होंने बसपा से हाथ मिलाया है। अखिलेश ने साफ़ किया कि मुलायम लोकसभा चुनाव आजमगढ़ से नहीं बल्कि मैनपुरी से लड़ेंगे।
मैनपुरी के वर्तमान सपा सांसद तेजप्रताप के भविष्य के बारे में अखिलेश ने कहा कि वह अभी बहुत छोटे हैं और उनका ख्याल रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। मंगलवार को मैनपुरी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्षेत्र की जनता से मुलायम सिंह की जीत का नया रिकॉर्ड बनाने का आह्वान भी किया।
मैनपुरी के बाद कन्नौज पहुँचे अखिलेश ने कहा कि उन्होंने जीवन का पहला चुनाव यहीं से लड़ा था और आख़िरी चुनाव भी यहीं से लड़ेंगे। ग़ौरतलब है कि अखिलेश यादव पहली बार कन्नौज से ही चुनकर लोकसभा पहुँचे थे। इस बार भी उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से लड़ने का एलान किया है।
अखिलेश ने कहा, ‘मैंने बसपा के साथ गठबंधन किया है ताकि नेताजी (मुलायम) को रिकॉर्ड मतों से जिताया जा सके। वह चाहें जहाँ से चुनाव लड़ें।’ बसपा से गठबंधन करने के कारणों के बारे में सपा अध्यक्ष ने कहा 'हम संविधान को ऐसे लोगों से बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिन्होंने संविधान के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी शपथ ले रखी है।
बीजेपी को हराना ही मक़सद
सपा अध्यक्ष ने कहा कि हमारा मक़सद बीजेपी को हराना और देश को नया प्रधानमंत्री देना है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड में भी बसपा से गठबंधन करने के पीछे सपा का यही लक्ष्य है। एक बयान में मध्य प्रदेश में तीन सीटों पर जबकि उत्तराखंड में केवल एक सीट पर सपा और बाक़ी पर बसपा के लड़ने का एलान किया गया था।
अखिलेश ने बीजेपी पर संवैधानिक संस्थाओं को कमज़ोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सही समय है कि जनता उसे नकार दे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि लोग सब जानते हैं कि क्या हो रहा है।
ग़ौरतलब है कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पिछले सप्ताह अपनी पार्टी का बसपा से गठबंधन होने पर नाराज़गी जाहिर की थी। मुलायम सिंह ने कहा था, आख़िर किस आधार पर बसपा को आधी सीटें दे दी गयीं। अब हमें सिर्फ़ आधी सीटों पर ही चुनाव लड़ना पड़ेगा, जबकि सपा ज़्यादा मज़बूत है।