समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और यूपी सरकार के बीच धीरे-धीरे रस्साकशी बढ़ रही है। अखिलेश ने 20 दिसंबर से यूपी का दौरा शुरू किया है। इसी क्रम में कानपुर के बाद उन्हें 22 दिसंबर को झांसी में जाना था। लेकिन यूपी सरकार ने 22 दिसंबर को उनके हेलिकॉप्टर को झांसी में उतरने की अनुमति नहीं दी। अखिलेश अब 26 दिसंबर को झांसी जाएंगे।
झांसी सपा जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर अड़ंगा लगाकर प्रोग्राम को बदलने के लिए मजबूर किया है। अखिलेश का हेलिकॉप्टर झांसी पुलिस लाइन के हेलीपैड पर उतरना था लेकिन वहां काम चलने की बात कहकर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। जिला अध्यक्ष का कहना है कि सपा प्रमुख के आने की घोषणा कई दिन पहले की गई थी और प्रशासन के पास सारी जानकारी मौजूद है। इसके बावजूद हरकत की गई।
सपा ने अब यूपी सरकार और झांसी जिला प्रशासन को संशोधित कार्यक्रम भेजते हुए कहा है कि अखिलेश यादव जेल में बंद पूर्व विधायक और सपा नेता दीपनारायण यादव से मिलने अब 26 दिसंबर को झांसी जाएंगे। चूंकि वो नेता विपक्ष हैं, इसलिए सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। झांसी सपा के नेताओं ने भी 26 दिसंबर का पोस्टर जारी कर दिया है।
सपा नेता और पूर्व विधायक दीपनारायण यादव के खिलाफ हाल ही में सरकार ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। सरकार ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपराध से जमीन वगैरह ली है। उस जमीन को कुर्क कर दिया गया। ये जमीनें भगवंतपुरा औऱ करगुवांजी में हैं। उन पर आपराधिक रेकॉर्ड वाले लेखराज यादव को जेल से छुड़ाने का आरोप है।
अखिलेश यादव ने सपा विधायक इरफान सोलंकी से भी कल मंगलवार को कानपुर जेल में जाकर मुलाकात की थी। इरफान सोलंकी पर महिला का घर जलाने और बांग्लादेशी नागरिकों को प्रमाणपत्र देने का आरोप है। हालांकि कानपुर में तीन दिनों में इरफान के खिलाफ 9 एफआईआर दर्ज की गई है। इरफान से मिलने के बाद अखिलेश यादव ने कानपुर जेल के बाहर पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। वो लगातार सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर रही है।
बता दें कि सपा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए अखिलेश अब पूरे यूपी का दौरा करने वाले हैं। पहले चरण में वो उन कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलेंगे, जो जेलों में विभिन्न आरोपों में बंद हैं। कुछ नेता तो पुराने मामले और चुनावी रंजिश में बंद हैं। अखिलेश पर इन नेताओं की खैर खबर नहीं लेने का आरोप लगता रहा है। लेकिन मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव की जीत के बाद अखिलेश काफी उत्साहित लग रहे हैं। उनको यह समझ आ गया है कि बिना कार्यकर्ताओं के पार्टी खड़ी नहीं हो सकती। इसलिए कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद बनाने के लिए उन्होंने दौरा करने की योजना बनाई है।