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आज़म ख़ान के मसले पर साइकिल यात्रा निकालेंगे अखिलेश, योगी को घेरेंगे

आज़म ख़ान के मसले पर साइकिल यात्रा निकालेंगे अखिलेश, योगी को घेरेंगे

उत्तर प्रदेश की मुसलिम सियासत के बड़े चेहरे और समाजवादी पार्टी (एसपी) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म ख़ान बीते एक साल से जेल में बंद हैं।

उत्तर प्रदेश की मुसलिम सियासत के बड़े चेहरे और समाजवादी पार्टी (एसपी) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म ख़ान बीते एक साल से जेल में बंद हैं। आज़म के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 86 मुक़दमे दर्ज कर दिए हैं। एसपी आरोप लगाती रही है कि आज़म ख़ां और उनके परिवार को योगी सरकार बेवजह फंसा रही है और अब वह इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाने जा रही है। 

एसपी इस मुद्दे पर 350 किमी लंबी साइकिल यात्रा निकालेगी। इस यात्रा के कार्यक्रम की शुरुआत आज़म के संसदीय क्षेत्र रामपुर से 12 मार्च को शुरू होगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ख़ुद इस साइकिल यात्रा की अगुवाई करेंगे। 

2012 के विधानसभा चुनाव से पहले भी अखिलेश ने प्रदेश भर में साइकिल यात्रा निकाली थी और इसका फ़ायदा भी एसपी को हुआ था और राज्य में उसकी सरकार बनी थी।

12 मार्च को रामपुर में स्थित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में प्रेस कॉन्फ्रेन्स होगी। आज़म इस विश्वविद्यालय के संस्थापक और कुलपति भी हैं। 13 मार्च को एसपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल रामपुर के अंबेडकर पार्क से साइकिल यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। यहां से यात्रा बरेली पहुंचेगी। 

14 मार्च को एसपी नेता राम गोविंद चौधरी यात्रा को बरेली से मीरगंज के लिए रवाना करेंगे। इसके बाद यह शाहजहांपुर से कटरा और सीतापुर होते हुए 21 मार्च को लखनऊ पहुंचेगी। इस दौरान एसपी के कई नेता इस यात्रा में शामिल होंगे। 

योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही आज़म ख़ान और उनकी पत्नी तथा रामपुर से विधायक डॉ. तंज़ीन फातिमा, उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म के ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दर्ज किए जा चुके हैं। आज़म रामपुर-मुरादाबाद के इलाक़े के बड़े नेता हैं और कई बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

डॉ. तंज़ीन फातिमा कई महीनों तक जेल में रहने के बाद बीते साल दिसंबर में रिहा हुई थीं। तब उन्होंने कहा था कि 60 साल तक सरकारी नौकरी करने के बाद वह अचानक इतनी बड़ी अपराधी हो गईं कि उनके ख़िलाफ़ सरकार ने मुक़दमे दर्ज करा दिए। 

 - Satya Hindi

अब्दुल्ला आज़म 2017 में रामपुर जिले की सूरत सीट से विधायक चुने गए थे। लेकिन उनकी उम्र 25 साल से कम होने के कारण उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था। कई महीनों तक जेल में रहने के बाद अब्दुल्ला आज़म को बीते महीने जमानत मिली है। 

आज़म के साथ खड़े हैं: अखिलेश

अखिलेश यादव कहते हैं कि पूरी पार्टी आज़म ख़ान के साथ खड़ी है और उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। वह कहते हैं कि बीजेपी ने जान-बूझकर आज़म पर झूठे मुक़दमे दर्ज कराए हैं और अफ़सरों को यह छूट देना कि वे किसी नेता के ख़िलाफ़ झूठे मुक़दमे दर्ज करें, यह लोकतंत्र में ग़लत परंपरा है। 

27 फ़रवरी को अखिलेश आज़म ख़ान से मिलने सीतापुर की जेल में गए थे और कहा था कि जब से बीजेपी उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई है तब से ही आज़म ख़ान उसके निशाने पर रहे हैं और उनके ख़िलाफ़ लगातार राजनीतिक षड्यंत्र हो रहा है। 

अखिलेश जानते हैं कि आज़म ख़ान की सियासी हैसियत क्या है। कांग्रेस और एआईएमआईएम के मुखिया असदउद्दीन ओवैसी की कोशिश आज़म को अपनी ओर खींचने की है। अखिलेश इस बात को भांप गए थे और वे एक बड़े नेता को नहीं खोना चाहते थे, इसलिए बीते दिनों से उन्होंने आज़म के हक़ में जोरदार ढंग से आवाज़ बुलंद की है। 

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