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हमारी है थार, घटना के दौरान गाड़ी में नहीं था बेटा: अजय मिश्रा टेनी

हमारी है थार, घटना के दौरान गाड़ी में नहीं था बेटा: अजय मिश्रा टेनी

लखीमपुरी खीरी में किसानों की मौत के मामले के बाद अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा सवालों के घेरे में हैं। 

लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद से ही सैकड़ों सवालों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा है कि जिस थार गाड़ी ने किसानों को कुचला है, वह उनकी ही है और उनके नाम पर रजिस्टर्ड है। हालांकि उन्होंने एक बार फिर कहा कि उनका बेटा आशीष मिश्रा घटना के दौरान थार गाड़ी में नहीं था। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 4 किसान भी हैं। 

अजय मिश्रा टेनी ने एनडीटीवी के सवाल के जवाब में कहा कि घटना वाले दिन थार गाड़ी से कार्यकर्ता मुख्य अतिथि को रिसीव करने जा रहे थे। 

उन्होंने अपने बेटे का खुलकर बचाव करते हुए कहा कि उनका बेटा आशीष मिश्रा सुबह 11 बजे से शाम तक कार्यक्रम स्थल पर था, इसके फ़ोटो और वीडियो भी उपलब्ध हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, हजारों लोग शपथ पत्र देने के लिए भी तैयार हैं कि आशीष मिश्रा मोनू कार्यक्रम स्थल पर मौजूद था। उन्होंने कहा कि उनके ड्राइवर और दो कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी। एक कार्यकर्ता जान बचाकर भाग गया और तीन कार्यकर्ता घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी दो गाड़ियों को जला दिया गया, ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते, ऐसे लोग किसानों के बीच में छिपे उग्रवादी हैं। 

खीरी से सांसद अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा, घटनास्थल पर न तो वह गए और न ही उनका बेटा गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन पर इस्तीफ़ा देने के लिए कोई दबाव नहीं है, इस मामले की जांच की जाएगी और जो लोग इसमें शामिल हैं, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगाी।  

एनडीटीवी के इस सवाल पर कि कुछ दिन पहले दिए गए उनके इस बयान कि ‘सुधर जाओ, वरना हम आपको सुधार देंगे और इसमें दो मिनट लगेंगे’, क्या मंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए, इस पर मिश्रा ने कहा कि उन्होंने किसानों की गोष्ठी में यह बात कही थी और यह बात उपद्रवियों के लिए कही गयी थी। 

इस सवाल के जवाब में कि क्या पुलिस ने उनसे कोई पूछताछ की है, मिश्रा ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है, ये विषय आप पुलिस से पूछिए।  

टेनी को कुछ महीने पहले हुए मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में केंद्रीय गृह मंत्रालय जैसे अहम विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया था। किसान परिवार से आने वाले टेनी राजनीति में आने से पहले व्यवसायी थे और स्थानीय लोगों के छोटे-मोटे झगड़ों को सुलझाने का काम करते थे। इसके अलावा वह अपने इलाक़े में कुश्ती और दंगल का आयोजन भी वक़्त-वक़्त पर कराते रहे हैं।

दबंग राजनेता की छवि 

स्थानीय समाचार पत्रों में छपी ख़बरों के मुताबिक़, टेनी के ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दर्ज रहे हैं और उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट भी खुली थी लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद इसे बंद कर दिया गया था। 

टेनी के ख़िलाफ़ साल 1990 में तिकुनिया थाने में कई धाराओं में मुक़दमा दर्ज हुआ था। इसके बाद साल 2000 में प्रकाश गुप्ता उर्फ राजू की हत्या में वह मुख्य अभियुक्त थे। साल 2005 में बलवा व मारपीट के एक मामले में टेनी और उनके पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू को नामजद किया गया था। साल 2007 में मारपीट और धमकी देने के एक मामले में भी टेनी और आशीष मिश्रा का नाम आया था। कुल मिलाकर लखीमपुर खीरी के इलाक़े में टेनी की छवि दबंग राजनेता की रही है।

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