देश में निर्मित कोरोना टीका- Covaxin के मानव ट्रायल के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स की एथिक्स कमेटी ने हरी झंडी दे दी है। अब इसमें शामिल होने के लिए वॉलंटियर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। सोमवार से इसका रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। सकारात्मक परिणाम आने पर यह देश भर के लोगों के लिए बड़ी राहत की ख़बर होगी।
फ़िलहाल कोरोना वायरस देश में इतनी तेज़ी से फैल रहा है कि इसे नियंत्रित करना तो दूर, अस्पतालों में मरीज़ों को संभालना भी मुश्किल हो रहा है। कई राज्यों में अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं। बिहार, कर्नाटक सहित कई राज्यों में शिकायतें ऐसी आ रही हैं कि मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती कराने में दिक्कतें आ रही हैं।
अब तो स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि देश में 24 घंटे में ही क़रीब 39 हज़ार पॉजिटिव केस आने लगे हैं। अब तक 10 लाख 77 हज़ार 618 पॉजिटिव केस आ चुके हैं और 26 हज़ार 816 लोगों की मौत हो गई है। अकेले महाराष्ट्र में 3 लाख 937 संक्रमण के मामले आ गए हैं और 11 हज़ार 596 लोगों की मौत हो चुकी है। तमिलनाडु में 1 लाख 65 हज़ार से ज़्यादा और दिल्ली में 1 लाख 21 हज़ार से ज़्यादा केस आ चुके हैं।
स्थिति ज़्यादा गंभीर इसलिए भी है कि अब तक इसका इलाज नहीं ढूँढा जा सका है। रेमडेसिवीर दवा तो बनी है लेकिन इसका ज़्यादा असर नहीं हो रहा है और मौत के आँकड़ों पर ज़्यादा असर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। इसीलिए, दुनिया भर में लोगों की उम्मीदें अब कोरोना वैक्सीन पर टिकी हैं।
दिल्ली एम्स उन 12 संस्थानों में से एक है जिसको Covaxin टीके के मानव पर पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर द्वारा चुना गया है। 375 वॉलंटियरों पर पहले चरण में ट्रायल किया जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार एम्स के सेंटर फ़ॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा, 'हम सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। हम बिना किसी बीमारी वाले स्वस्थ प्रतिभागियों और जिसे कभी कोविड-19 बीमारी नहीं हुई हो, उसका चयन करने जा रहे हैं।'
रिपोर्टों में कहा गया है कि 18 से 55 साल तक के लोगों पर यह ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल में भाग लेने के लिए कोई भी व्यक्ति Ctaiims.covid19@gmail.com पर ईमेल भेज सकता है या 7428847499 पर कॉल कर सकता है।
Covaxin भारत का पहला संभावित स्वदेशी Covid-19 वैक्सीन है, जिसे आईसीएमआर और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड यानी बीबीआईएल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कोविड-19 टीकों पर काम करने वाली सात भारतीय फ़र्मों में से एक है।
बता दें कि आईसीएमआर व बीबीआईएल के अलावा Zydas Cadila हेल्थकेयर लिमिटेड भी टीके पर काम कर रहा है। इन दो संभावित टीकों को चूहों और खरगोशों पर सफल परीक्षण किया गया और इन आँकड़ों को डीसीजीआई को प्रस्तुत किया गया था। दोनों को इस महीने की शुरुआत में प्रारंभिक चरण के मानव परीक्षण शुरू करने की मंजूरी मिल गई।
बता दें कि दुनिया भर में कई देश और संस्थाएँ वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में हैं। कई जगहों पर मानव पर परीक्षण का दूसरा चरण भी शुरू हो गया है।