सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाई गई अग्निपथ योजना का बिहार में जोरदार विरोध हो रहा है। गुरूवार को बिहार के 8 जिलों में छात्र और सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी सड़क पर उतर आए और उन्होंने उग्र प्रदर्शन किया।
जहानाबाद, बक्सर, मुंगेर, सहरसा, आरा और नवादा में छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया है। कैमूर और छपरा में छात्रों ने एक ट्रेन में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर भी एक ट्रेन में आग लगा दी। छात्रों ने कई जगहों पर टायरों को भी जलाया है।
बीजेपी विधायक पर हमला
कई जगहों पर बसों के शीशे तोड़ दिए गए। नवादा में बीजेपी की विधायक अरुणा देवी के वाहन पर हमला किया गया है। इस हमले में विधायक सहित पांच लोग घायल हो गए हैं। नवादा में बीजेपी के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई है। आरा स्टेशन पर उग्र हुए छात्रों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने उपद्रव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया।
जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
बुधवार को भी अग्निपथ योजना के विरोध में मुजफ्फरपुर, बेगूसराय में छात्र सड़क पर उतरे थे। सेना में रहे कई पूर्व अफसरों के साथ ही विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी इस योजना को लेकर तमाम सवाल उठाए हैं।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि वे पिछले 3-4 साल से सेना की तैयारी कर रहे हैं लेकिन 2 साल से सेना की कोई भर्ती नहीं हुई है और इस वजह से कई छात्र ओवर एज हो चुके हैं।
उनका कहना है कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने के 4 साल बाद जो नौजवान बाहर निकलेंगे, उनके पास कोई विकल्प नहीं होगा।
अमित शाह का बयान
दूसरी ओर केंद्र सरकार व बीजेपी शासित राज्य सरकारें अग्निपथ योजना के तहत 4 साल तक सेना में रहने के बाद बाहर आने वालों के लिए नए-नए एलान कर रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सेना की अग्निपथ योजना में शामिल होने वाले जवानों को चार साल बाद असम राइफल्स समेत तमाम सशस्त्र बलों में रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार व हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने भी ऐसे युवाओं के लिए अहम एलान किए हैं।
अग्निपथ योजना के विरोध में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली में भी प्रदर्शन हुआ है। दिल्ली के नांगलोई स्टेशन पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को रोक दिया। पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल के 45000 से 50000 युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। 90 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और जुलाई 2023 तक पहला बैच तैयार हो जाएगा।
अग्निपथ योजना के तहत चयन होने के बाद युवाओं को 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर उन्हें 3.5 साल के लिए अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जाएगा। इस दौरान उनकी तनख्वाह 30000 से शुरू होगी और यह 40000 रुपए तक जाएगी।
4 साल के बाद केवल 25 फीसद जवान ही आर्म्ड फोर्सेस में वापस आ सकेंगे जबकि बाकी लोग सेवाओं से बाहर हो जाएंगे। उन्हें किसी तरह की पेंशन की सुविधा का फायदा भी नहीं मिलेगा।
इस योजना के आलोचकों का कहना है कि 4 साल नौकरी करने के बाद जब युवक और युवतियां आर्म्ड फोर्सेस से बाहर निकलेंगे तो वे क्या करेंगे, यह बड़ा सवाल है। आलोचकों का कहना है कि 6 महीने की ट्रेनिंग बेहद कम है और आर्म्ड फोर्सेस में ट्रेनिंग के लिए काफी ज्यादा वक्त चाहिए।