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पूर्व उप राष्ट्रपति अमारुल्ला ने तालिबान को दी चुनौती, कहा, वे हैं कार्यवाहक राष्ट्रपति

पूर्व उप राष्ट्रपति अमारुल्ला ने तालिबान को दी चुनौती, कहा, वे हैं कार्यवाहक राष्ट्रपति

अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमारुल्ला सालेह रविवार को तालिबान के काबुल पहुँचने पर गायब हो गए थे, अब उसे चुनौती दे रहे हैं और ख़ुद को क़ानूनन कार्यवाहक राष्ट्रपति बता रहे हैं। 

अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमारुल्ला सालेह ने दावा किया है कि वे असली और 'क़ानूनन कार्यवाहक राष्ट्रपति' हैं। 

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वे देश छोड़ कर नहीं गए हैं, अफ़ग़ानिस्तान में ही हैं और तालिबान का ज़बरदस्त विरोध किया जाएगा।

रविवार को जब तालिबान ने काबुल को चारों ओर से घेर लिया था तो यह कहा गया था कि अमारुल्ला सालेह अफ़ग़ानिस्तान को छोड़ कर भाग गए हैं और पड़ोसी देश ताज़िकिस्तान चले गए हैं।

उस समय भी अमारुल्लाह सालेह ने कहा था कि वे तालिबान के सामने किसी कीमत पर आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, उसके सामने नहीं झुकेंगे। लेकिन वे उसके बाद काबुल में दिखे नहीं थे। 

समझा जाता है कि सालेह अफ़ग़ानिस्तान के पंजशेर घाटी में हैं। 

बाइडन की आलोचना

अमारुल्ला सालेह ने तालिबान के ख़िलाफ़ जंग का एलान करते हुए कहा कि वे उनके सामने घुटने कभी नहीं टेकेंगे।

इसके साथ ही सालेह ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना की और कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की मौजूदा स्थित पर उनसे बहस करना बेकार है।

उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानों को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नेटो) ने भले ही अपना हौसला खो दिया हो लेकिन हमारी उम्मीद अब भी कायम है।

सालेह ने ट्वीट में कहा प्रतिरोध खत्म हो चुका है और उन्होंने अफगानिस्तान के समर्थकों से तालिबान के खिलाफ लड़ाई में साथ आने की अपील की है।

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