पूर्व उप राष्ट्रपति अमारुल्ला ने तालिबान को दी चुनौती, कहा, वे हैं कार्यवाहक राष्ट्रपति
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमारुल्ला सालेह ने दावा किया है कि वे असली और 'क़ानूनन कार्यवाहक राष्ट्रपति' हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वे देश छोड़ कर नहीं गए हैं, अफ़ग़ानिस्तान में ही हैं और तालिबान का ज़बरदस्त विरोध किया जाएगा।
रविवार को जब तालिबान ने काबुल को चारों ओर से घेर लिया था तो यह कहा गया था कि अमारुल्ला सालेह अफ़ग़ानिस्तान को छोड़ कर भाग गए हैं और पड़ोसी देश ताज़िकिस्तान चले गए हैं।
Clarity: As per d constitution of Afg, in absence, escape, resignation or death of the President the FVP becomes the caretaker President. I am currently inside my country & am the legitimate care taker President. Am reaching out to all leaders to secure their support & consensus.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 17, 2021
उस समय भी अमारुल्लाह सालेह ने कहा था कि वे तालिबान के सामने किसी कीमत पर आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, उसके सामने नहीं झुकेंगे। लेकिन वे उसके बाद काबुल में दिखे नहीं थे।
समझा जाता है कि सालेह अफ़ग़ानिस्तान के पंजशेर घाटी में हैं।
बाइडन की आलोचना
अमारुल्ला सालेह ने तालिबान के ख़िलाफ़ जंग का एलान करते हुए कहा कि वे उनके सामने घुटने कभी नहीं टेकेंगे।
इसके साथ ही सालेह ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना की और कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की मौजूदा स्थित पर उनसे बहस करना बेकार है।
It is futile to argue with @POTUS on Afg now. Let him digest it. We d Afgs must prove tht Afgh isn't Vietnam & the Talibs aren't even remotely like Vietcong. Unlike US/NATO we hvn't lost spirit & see enormous oprtnities ahead. Useless caveats are finished. JOIN THE RESISTANCE.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 17, 2021
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानों को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नेटो) ने भले ही अपना हौसला खो दिया हो लेकिन हमारी उम्मीद अब भी कायम है।
सालेह ने ट्वीट में कहा प्रतिरोध खत्म हो चुका है और उन्होंने अफगानिस्तान के समर्थकों से तालिबान के खिलाफ लड़ाई में साथ आने की अपील की है।