कोरोना की एक और वैक्सीन कोवोवैक्स का ट्रायल भारत में शुरू
भारत में कोरोना की एक और वैक्सीन कोवोवैक्स का ट्रायल शुरू हो चुका है। इसका ट्रायल भी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ने अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के साथ इसकी वैक्सीन कोवोवैक्स के लिए क़रार किया है। यदि इस वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिलती है तो सीरम इंस्टीट्यूट के पास यह दूसरी वैक्सीन होगी जिसका वह उत्पादन करेगा। सीरम इंस्टीट्यूट पहले से ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका कंपनी द्वारा विकसित कोविशील्ड नाम की वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है और दुनिया भर के देशों में इसको भेजा जा रहा है।
भारत में फ़िलहाल दो वैक्सीन को आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिली है और इन दोनों टीकों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। अमेरिकी कंपनी फाइजर ने भी अपनी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी, लेकिन इसे इसलिए खारिज कर दिया गया था क्योंकि इस कंपनी ने भारत में ट्रायल के आँकड़े पेश नहीं किए थे।
एक वैक्सीन कोविशील्ड है जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका कंपनी द्वारा विकसित किया गया है और उसे सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रहा है। दूसरी वैक्सीन कोवैक्सीन भारत में ही विकसित की गई है और इसे भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर बनाया है।
वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के तौर पर पहचाने जाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने अब कोवोवैक्स को लेकर ट्वीट किया है।
पूनावाला ने ट्वीट किया, 'कोवोवैक्स का ट्रायल आख़िरकार भारत में शुरू हुआ; टीका नोवावैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट के साथ साझे में बनाया गया है। इसका कोरोना के अफ्रीकी और यूके वैरिएंट के ख़िलाफ़ परीक्षण किया गया है और इसकी समग्र प्रभावकारिता 89% है। सितंबर 2021 तक लॉन्च होने की उम्मीद है।'
Covovax trials finally begin in India; the vaccine is made through a partnership with @Novavax and @SerumInstIndia. It has been tested against African and UK variants of #COVID19 and has an overall efficacy of 89%. Hope to launch by September 2021! https://t.co/GyV6AQZWdV
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) March 27, 2021
अभी तक कोवोवैक्स की क़ीमतों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। मौजूदा समय में सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है। कोविशील्ड के लिए सरकार ने जो पहला ऑर्डर दिया था उसमें कहा गया कि एक वैक्सीन 210 रुपये की पड़ेगी। इसमें जीएसटी भी शामिल है। रिपोर्टों में कहा गया कि वैक्सीन 200 रुपये की होगी और इस पर जीएसटी 10 रुपये लगेगा। इस हिसाब से एक व्यक्ति को लगाए जाने वाले वैक्सीन के दो डोज के लिए केंद्र सरकार को 420 रुपये का भुगतान करना होगा।
हालाँकि, 16 जनवरी को देश में जब स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाए जाने के साथ टीकाकरण अभियान शुरू किया गया तो उन्हें यह मुफ़्त में लगाया गया। बाद में सरकार ने 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों और कोमोर्बिडिटीज वाले 45 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए टीका लगाए जाने की घोषणा की गई। तब कहा गया कि सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर टीके को मुफ्त में लगवाया जा सकता है जबकि निजी टीकाकरण केंद्रों पर 250 रुपये प्रति खुराक टीका लगेगा। यानी एक व्यक्ति को लगाई जाने वाली दो खुराक के लिए 500 रुपये का ख़र्च आएगा।
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है और इसे दूसरी लहर बताया जा रहा है। बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 62,336 मामले सामने आए हैं जो पिछले साल 17 अक्टूबर के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है। एक दिन में 289 लोगों की मौत हुई है और यह 30 दिसंबर के बाद सबसे ज़्यादा है। भारत में अब तक कुल 1,19,08,373 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1,61,275 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीते 24 घंटों में एक्टिव मामलों में भी जबरदस्त उछाल आया और इनमें एक ही दिन में 32 हज़ार मामले बढ़ गए और कुल आंकड़ा 4.5 लाख से ज़्यादा हो गया। कोरोना संक्रमण के मामलों का यह आंकड़ा अचानक 40 से 50 और फिर 60 हज़ार तक पहुंच गया है। कई राज्यों में कोरोना के कई नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं और इसके बाद से ही सरकार के साथ ही आम लोग भी परेशान हैं।