एबीपी एग़्जिट पोल : केरल में मजबूत बना रहेगा लाल किला
एबीपी के एग़्जिट पोल यदि सही साबित होते हैं तो पश्चिम बंगाल में एक बार फिर मौजूदा सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस की सरकार बन सकती है और ममता बनर्जी एक बार फिर मुख्यमंत्री बन सकती हैं। इस एग्ज़िट पोल के अनुसार टीएमसी को 162 सीटें मिल सकती हैं।
बीजेपी को उत्तर बंगाल में फ़ायदा
एबीपी के एग़्जिट पोल के अनुसार, उत्तर बंगाल की 28 सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिल सकती है। यह मुमकिन है कि इस इलाक़े में बीजेपी के खाते में 14 से 16 सीटें जाएं। दूसरी ओर सत्तारूढ़ टीएमसी को 11 से 13 सीटें आ सकती हैं। यह तृणमूल कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। लेकिन कांग्रेस का बुरा हाल होगा और कांग्रेस गठबंधन को इस इलाक़े में अधिकतम 2 सीटें मिल सकती हैं।
मालदह में टीएमसी का किला बरक़रार
एबीपी के एग़्जिट पोल का अनुमान है कि उत्तर बंगाल के ही मालदह क्षेत्र में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस 63 सीटों पर मजबूत रहेगी। इस इलाक़े में टीएमसी को 29 से 31 सीटें मिल हासिल हो सकती हैं। दूसरी ओर, बीजेपी को 20 से 22 सीटों पर जीत मिल सकती है। एग्जिट पोल के हिसाब से कांग्रेस यहां 11 से 13 सीटें जीत सकती है।
जंगलमहल में बीजेपी मजबूत
एबीपी एग्जिट पोल सही साबित हुआ तो पश्चिम बंगाल के जंगमहल इलाक़े में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा हो सकता है। वह उस क्षेत्र की 53 सीटों में 25 से 27 सीटें जीत सकती है, जबकि बीजेपी को 23 से 25 सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस को 2 से 4 सीटें मिलती दिख रही हैं।
बता दें कि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की थी। उसने 211 सीटें जीत ली थीं। उस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 76 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबिक अन्य के खाते में चार सीटें गई थीं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में 294 सीटों के लिए 8 चरणों में मतदान कराए गए। आठवें चरण का मतदान गुरुवार को पूरा हुआ है। बंगाल में पहले चरण का मतदान 27 मार्च को हुआ और इसके बाद अप्रैल में 1, 6, 10, 17, 22, और 26 को मतदान हुआ।
असम में बीजेपी फिर बनाएगी सरकार?
एबीपी- सी वोटर एग्जिट पोल यदि सही साबित होता है तो असम विधानसभा की 126 सीटों में बीजेपी अगुआई वाले गठबंधन को 58 से 71 सीटें मिल सकती है। दूसरी ओर इसकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की अगुआई वाले गठबंधन को 53 से 66 सीटें मिल सकती हैं। राज्य में किसी भी एक दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 64 सीटों की ज़रूरत होगी। इससे साफ है कि राज्य में कांग्रेस और बीजेपी गठबंधन में कांटे की टक्कर हो सकती है।
तमिलनाडु में एआईएडीएमके की हार
एबीपी- सी वोटर एग़्जिट पोल के अनुसार ही यदि वास्तविक चुनाव नतीजे भी आए तो तमिलनाडु में सत्ताधारी एआईएडीएमके की हार हो सकती है। उसने बीजेपी के साथ मिल कर गठबंधन बनाया है।
इस गठबंधन को बड़ा नुकसान हो सकता है और इसे 58-70 सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर, डीएमके-कांग्रेस गठजोड़ को 160-172 सीटों पर जीत मिल सकती है और वह इस तरह सरकार बना सकती है। इस राज्य में अन्य दलों को 7 सीटें मिल सकती हैं।
वोट प्रतिशत
तमिलनाडु में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को 46.7 प्रतिशत वोट मिल सकता है। इस एग्जिट पोल के अनुसार, एआईएडीएमके और बीजेपी गठबंधन को 35 फ़ीसदी लोग वोट दे सकते हैं और अन्य को 18.3 फीसदी वोट मिल सकता है।पु़डुचेरी में बीजेपी गंठबंधन की जीत
एबीपी-सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार, पुडुचेरी में कांग्रेस की हार हो सकती है और बीजेपी गठबंधन सत्ता पर काबिज हो सकता है। पुदुचेरी में बीजेपी गठबंधन को 19-23 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। दूसरी ओर, 30 सीटों वाले पुदुचेरी विधानसभा में कांग्रेस 6-10 सीटें जीत पर जीत मिल सकती है। अन्य को 1-2 सीटें मिल सकती हैं।
केरल में जीतेगा एलडीएफ?
एबीपी- सी वोटर एग्जिट पोल के अनुसार, केरल में सीपीआईएम अगुआई वाला लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी एलडीएफ़ एक बार फिर सत्ता पर काबिज हो सकता है। इसका अनुमान है कि इस बार एलडीफ को 42.8 फ़ीसदी वोट मिल सकता है। दूसरी ओर, यूडीएफ को 41.4 प्रतिशत लोग वोट दे सकते हैं। इसमें बीजेपी को 13.7 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। अन्य के हिस्से 2.1 फीसदी वोट शेयर हो सकता है।
केरल में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में एलडीएफ को 91 सीटें मिली थीं। दूसरी ओर यूडीएफ ने 47 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीजेपी को एक सीट पर जीत हासिल करने में कामयाबी मिली थी, हालांकि उसने 98 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। सीपीआई ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी तरह सीपीआईएम ने 84 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 58 सीटें जीती थीं।
पाँच राज्यों में चुनाव हो चुके हैं और वोटों की गिनती ऐसे समय हो रही है जब कोरोना की बढ़ती महामारी से पूरा देश परेशान है। चुनाव प्रक्रिया काफी लंबी चली, चुनाव प्रचार भी उतना ही कटु और कई बार विषैला रहा। पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान हुआ तो असम में तीन चरणों में चुनाव संपन्न कराया गया।
इसके अलावा तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में एक चरण में 6 अप्रैल को मतदान हुआ। लेकिन अब 2 मई को कोरोना महामारी के बीच जनता अपना सबसे बड़ा सियासी फैसला देने के लिए तैयार है।