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आप ने 'डिग्री दिखाओ' अभियान शुरू किया; जानें, निशाने पर कौन

आप ने 'डिग्री दिखाओ' अभियान शुरू किया; जानें, निशाने पर कौन

प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर जानकारी मांगने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से झटका लगने के बाद भी आम आदमी पार्टी ने 'अपनी डिग्री दिखाओ' अभियान क्यों शुरू किया?

प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर सवाल खड़ी करती रहने वाली आम आदमी पार्टी ने 'डिग्री दिखाओ' अभियान शुरू किया है और भाजपा नेताओं को भी ऐसा करने की चुनौती दी है। आप के नेता ने यह चुनौती देते हुए अपनी डिग्री दिखाई और चुनौती दी कि क्या ऐसा ही दूसरे नेता भी कर सकते हैं।

दिल्ली की शिक्षा मंत्री और आप नेता आतिशी ने इस अभियान की घोषणा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने आज दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, 'हम आज एक अभियान शुरू कर रहे हैं। आपके नेता आपको हर रोज अपनी डिग्री दिखाएंगे। मेरे पास दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री और ऑक्सफोर्ड से दो मास्टर डिग्री है। ये सभी असली हैं।'

उन्होंने कहा, 'मैं सभी नेताओं से, खासकर, भाजपा नेताओं से अपनी डिग्री दिखाने के लिए कहना चाहती हूं।' उन्होंने कहा कि अभियान के तहत आप नेता अपनी डिग्री दिखाएंगे।

आतिशी की यह घोषणा तब आई है जब कुछ दिन पहले ही गुजरात उच्च न्यायालय ने पीएम की डिग्री पर जानकारी मांगने के मामले में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों का विवरण मांगा गया था, जबकि विवरण पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में था।

गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री की जानकारी सार्वजनिक करने की कोई ज़रूरत नहीं है। अदालत ने गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश देने वाले एक आदेश को रद्द कर दिया। केंद्रीय सूचना आयोग यानी सीआईसी ने 2016 में गुजरात विश्वविद्यालय को पीएम मोदी की मास्टर डिग्री के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया था। 

सीआईसी के आदेश के ख़िलाफ़ गुजरात उच्च न्यायालय में गुजरात विश्वविद्यालय ने याचिका लगाई थी। अदालत ने याचिका को स्वीकार कर लिया और सीआईसी के आदेश को रद्द कर दिया। सीआईसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों के बारे में 'सूचना की खोज' करने के लिए विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था।

कोर्ट के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था, 'क्या देश को यह जानने का अधिकार नहीं है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े-लिखे हैं? उन्होंने अदालत में अपनी डिग्री का खुलासा करने का जोरदार विरोध किया। क्यों? और डिग्री देखने के लिए कहने वाले व्यक्ति को क्या होगा? जुर्माना?' केजरीवाल ने ट्वीट में यह भी कहा है कि 'अनपढ़ या कम पढ़े लिखे पीएम देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं।' उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की शिक्षा को लेकर निशाना बनाना तेज़ कर दिया है।

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में पीएम मोदी पर हमला बोला और उन्हें कम पढ़ा-लिखा बताया। उन्होंने कहा कि 'एक अहंकारी तानाशाह, कम-पढ़े लिखे व्यक्ति से देश को बचाना पड़ेगा'।

केजरीवाल ने अभियान छेड़ते हुए आरोप लगाया है कि 'पीएम कम पढ़े-लिखे हैं और चीजों को ठीक से नहीं समझते हैं। यह चिंताजनक है।'

पार्टी ने कई शहरों में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए पोस्टर लगाए थे। इसके बाद तो पोस्टर लगाने पर दिल्ली और गुजरात में कई एफ़आईआर दर्ज की गई थीं और गिरफ़्तारियाँ भी की गई थीं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर लंबे समय से विवाद होता रहा है और आम आदमी पार्टी उनकी डिग्री की जानकारी हासिल करने में काफ़ी पहले से लगी हुई है। 

2016 में यह मामला बेहद गरम था। तब अरविंद केजरीवाल ने कई सवाल उठाए थे। उस साल मई में आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर इसको मुद्दा बनाया था और पीएम मोदी के बीए और एमए की डिग्रियों को 'फर्जी' और 'नकली' भी बता दिया था। क़रीब सात साल पहले हुई उस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आप की ओर से कहा गया था कि प्रधानमंत्री की बीए और एमए की डिग्रियों में दर्ज नाम में अंतर है। आप ने कहा था कि बीए की डिग्री में नाम 'नरेंद्र कुमार दामोदर दास मोदी' दर्ज है, जबकि एमए की डिग्री पर नाम 'नरेंद्र दामोदर दास मोदी' दर्ज है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री के बीए मार्कशीट और डिग्री में परीक्षा का साल अलग-अलग है और यह क्रमश: 1977 और 1978 दर्ज है।

आम आदमी पार्टी की ओर से वह प्रेस कॉन्फ्रेंस तब हुई थी जब उससे कुछ समय पहले ही तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए और एमए की डिग्री की कॉपियाँ पत्रकारों को बांटी थीं। उन्होंने कहा था कि मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री ली है। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीए की परीक्षा दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यालय में रहकर दी थी। हालाँकि इसके बाद भी यह विवाद थमा नहीं है।

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