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शुभकरण सिंह के परिवार को आप सरकार देगी एक करोड़ रुपये, किसानों ने मनाया काला दिवस 

शुभकरण सिंह के परिवार को आप सरकार देगी एक करोड़ रुपये, किसानों ने मनाया काला दिवस 

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरन सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर मारे गए किसान शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब की आप सरकार एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। शुक्रवार को सीएम भगवंत मान ने एक्स पर ट्विट कर इसकी जानकारी दी है। 

उन्होंने लिखा है कि खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरन सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फर्ज निभा रहे हैं… 

वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन के दौरान बुधवार को 22 वर्ष के युवक शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने अपने आंदोलन के 11 वां दिन काला दिवस मनाया है। उन्होंने जगह-जगह पुतला दहन किया है। किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने लोगों से मशाल जुलूस में हिस्सा लेने की भी अपील की है। शुक्रवार की शाम को ही किसान अपने दिल्ली मार्च को लेकर कोई फैसला लेंगे। 

21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर 22 वर्षीय युवा किसान शुभकरण की मौत के बाद किसानों ने दिल्ली मार्च को रोक दिया था। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले पंजाब के आंदोलनकारी किसानों ने बढ़चढ़ कर काला दिवस मनाया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने देश के लोगों से अपने घरों और गाड़ियों पर काला झंडा लगाने की अपील की थी। हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच खनौरी बॉर्डर पर बुधवार को झड़प हो गई थी। इस झड़प में करीब 12 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। काला दिवस के बाद एसकेएम ने कहा है कि किसान अब 26 फरवरी को सभी राजमार्गों पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, जबकि 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने मीडिया से बात करते हुए मांग की है कि खनौरी बॉर्डर पर बुधवार को हुई किसान शुभकरण की मौत के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने मांग की है कि शुभकरण सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए। 

किसानों के आंदोलन को दिशा देने और आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को एक बैठक आयोजित की गई थी। इसमें पंजाब, हरियाणा एवं अन्य राज्यों के कई एसकेएम नेताओं ने हिस्सा लिया है। प्राप्त सूचना के मुताबिक इस बैठक में दिल्ली मार्च को लेकर रणनीति बनाई गई है। किसान नेताओं ने कहा है कि बुधवार को एक किसान की मौत हो जाने के बाद यह मार्च दो दिन के लिए रोक दिया गया था। शुक्रवार शाम को वे अपना अगला कार्यक्रम तय करेंगे। 

गुरुवार को ही किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने एक तस्वीर जारी कर आरोप लगाया था कि '​​​​​​खनौरी बॉर्डर पर सीधी फायरिंग हुई थी।उन्होंने भी मांग की थी कि पंजाब सरकार हत्या का केस दर्ज करे। वहीं किसानों के नेता जगजीत डल्लेवाल ने किसान शुभकरण को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। 

दूसरी तरफ पुलिस ने साफ किया है वह किसानों के उपर एनएसए नहीं लागू कर रही है। अंबाला एएसपी पूजा डाबला ने कहा है कि हम अभी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या एनएसए के किसी प्रावधान को लागू नहीं कर रही है। एनएसए के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

उन्होंने कहा है कि, हम किसानों-प्रदर्शनकारियों से अपील करते हैं कि कानून-व्यवस्था अपने हाथ में नहीं लें। उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अगर कानून-व्यवस्था बरकरार रहती है तो किसी किसान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

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