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दिल्ली के स्कूलों में बमों की अफवाह पर राजनीतिक विवाद क्यों?

दिल्ली के स्कूलों में बमों की अफवाह पर राजनीतिक विवाद क्यों?

दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूलों में बम रखे जाने की धमकी के बाद कक्षाएँ खाली कराई गईं, लेकिन कुछ घंटे पहले बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के ट्वीट पर विवाद क्यों हो गया?

दिल्ली-एनसीआर के क़रीब 100 स्कूलों में ईमेल से भेजी गई बम की धमकी वाली अफवाह से बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के दो ट्वीट सुर्खियों में आ गए। इस बीच, मीडिया रिपोर्टों में ईमेल का लिंक कथित तौर पर रूस से मिलने के बाद सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछा जाने लगा कि आख़िर इस तरह से खौफ फैलाने से किसको फायदा होगा? 

बहरहाल, स्कूलों में बम की धमकी को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं और सोशल मीडिया यूज़रों ने तेजिंदर बग्गा पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने इसको लेकर ट्वीट किया, 'कल रात भाजपा के प्रवक्ता बार बार सीरियल बम ब्लास्ट के बारे में डरा रहे थे, और आज पूरी दिल्ली के स्कूलों में बम होने की झूठी अफ़वाहें फैलाई गई हैं। अजीब इत्तिफ़ाक़ है।' 

आप नेता के इस ट्वीट के जवाब में तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा, 'केजरीवाल के नेता अपना मानसिक सन्तुलन खो चुके हैं। लेकिन अगर इत्तिफ़ाक़ से ही बात करनी है तो सबसे पहला शक तो आम आदमी पार्टी पर ही जाता है क्योंकि इनके नेता केजरीवाल दिल्ली के बटला हाउस में जाकर दिल्ली में आतंकी हमले करने वाले आतंकवादियों का समर्थन कर चुके हैं और एनकाउण्टर को फ़र्ज़ी बता चुके हैं।'

तेजिंदर बग्गा सफाई में कुछ भी कहें, लेकिन आप ने इसको मुद्दा बना दिया है। इसने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि क्या वह बग्गा से पूछताछ करेगी। आप ने कहा, "ये इत्तेफाक है या दिल्लीवालों को डराने की साज़िश? बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने लिखा, 'लावारिस वस्तु को ना छुएं, इसमें बम हो सकता है।' आज ही स्कूलों में बम होने की ख़बर फ़ैलाई गई। क्या दिल्ली पुलिस बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को बुलाकर इस मामले में पूछताछ करेगी?"

आप ने बीजेपी नेता और दिल्ली पुलिस के ट्वीट को ट्वीट करते हुए कहा है कि क्या ये सिर्फ़ इत्तेफाक है?

आप और बीजेपी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप तब लग रहे हैं जब बुधवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के क़रीब 100 स्कूलों में बम रखे होने की धमकी मिलने की ख़बर आई। सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ता, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां स्कूलों में पहुंच गईं। कक्षाओं को खाली करवा दिया गया और बच्चों को वापस घर भेज दिया गया। ऐसे सभी स्कूलों के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई और फिर दिल्ली पुलिस ने कहा कि ये धमकियाँ अफवाह थीं। इसने कहा कि ये धमकियाँ ईमेल से भेजी गईं और यह ईमेल बुधवार सुबह 6 बजे भेजा गया। इसने कहा कि स्कूलों में कुछ भी नहीं मिला है। 

धमकी भरे ई-मेल swariim@mail.ru आईडी से भेजे गए थे। एएनआई ने रिपोर्ट दी कि यह एक अरबी शब्द है और इसका इस्तेमाल आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट द्वारा 2014 से इस्लामी प्रचार प्रसार के लिए किया जा रहा है। पीटीआई ने एक सूत्र का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने इन ईमेल के आईपी पते को ट्रैक किया, जो रूस से आये हुए थे और शायद वीपीएन के माध्यम से भेजे गए थे। पुलिस ने कहा कि इसका मकसद दिल्ली में दहशत पैदा करना था।

दिल्ली पुलिस ने पूरे दिन गहन तलाशी ली और एहतियाती उपायों के तहत स्कूलों को खाली करा लिया। स्कूलों को दिन भर के लिए बंद कर दिया गया। दिल्ली के कई हिस्सों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। द लाइव मिंट की रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा गया कि बम की सभी धमकियां अफवाह निकलीं। हालाँकि मेट्रो और रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और बाजारों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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